जबलपुर: आत्मनिर्भर रोडमैप की प्रमुख रणनीतियाँ

जबलपुर: आत्मनिर्भर रोडमैप की प्रमुख रणनीतियाँ

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-13 09:49 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। 1. भौतिक संरचना रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना। 24 प्रमुख सड़कों का नवीनीकरण। 200 राज्य सड़कों का वैज्ञानिक यातायात सर्वेक्षण। बफर में सफर मुहिम के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा। पर्यटन स्थलों के आसपास रहने वाले सेवा प्रदाताओं का कौशल संवर्धन। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना। समावेशी शहरी विकास सुनिश्चित करना। पर्यावरण के अनुकूल सतत विकास सुनिश्चित करना। कानूनी और राजकोषीय सुधारों के माध्यम से नगरीय शासन में सुधार। नगरीय सेवाओं की डिलीवरी में सुधार। 100 प्रतिशत घरेलू कार्यशील नल कनेक्शन। 60 सिंचाई परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया। ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर का निर्माण। सामग्री एवं उपकरणों की खरीदी में लोकल निर्मित सामग्री को प्राथमिकता। रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजनाओं का कार्यान्वयन। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना। इंदौर एयरपोर्ट पर पेरिशेबल गुड्स के लिये एयर-कार्गो हब की स्थापना। 2. सुशासन सेवा प्रदाय के लिये एकल पोर्टल। कनेक्टिविटी के बुनियादी ढाँचे का सुदृढ़ीकरण और आईटी कौशल का विकास। इमर्जिंग प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये उत्कृष्टता केन्द्र। पारदर्शिता के साथ जवाबदेह एवं जिम्मेदार प्रशासन। नागरिकों के लिये Ease of Living। 3. स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिये 10 हजार SHCs और 1200 PHCs को हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में परिवर्तित करना। 1600 अत्याधुनिक प्रसव केन्द्रों की स्थापना और प्रत्येक CHC पर विशेष नवजात इकाई की स्थापना। आरसीएच पोर्टल के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत कव्हरेज सुनिश्चित करना। 5 वर्ष से कम उम्र के 55 लाख बच्चों को शत-प्रतिशत टीकाकरण। प्रत्येक जिला अस्पताल में कार्यात्मक आईसीयू वार्ड, एचडीयू वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, डायग्नोस्टिक सुविधाएँ और विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराना। 1200 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 10 हजार उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर टेली मेडिसिन और अन्य आईसीटी उपकरणों का उपयोग करना। जिला अस्पतालों में इमेजिंग सुविधाएँ उपलब्ध कराना। सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण। राज्य-स्तरीय अनुसंधान संगठन की स्थापना। उच्च शिक्षा संस्थानों तक पहुँच बढ़ाने के लिये 150 नये ओपन डिस्टेंस लर्निंग केन्द्र खोलना। चिन्हित किये गये 150 कॉलेजों को क्वालिटी लर्निंग सेन्टर में परिवर्तित करना। 10 हजार संसाधन संपन्न स्कूलों की स्थापना। विज्ञान प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित आधारित शिक्षा प्रणाली विकसित करना। ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी। हब और स्पोक मॉडल पर इंजीनियरिंग तथा जिला स्तर के आईटीआई में कैरियर तथा प्लेसमेंट सेल की स्थापना करना। 200 कॉलेजों में प्लेसमेंट और उद्यमिता सेल की स्थापना। आईटीआई में मौजूद लोकप्रिय ट्रेडों को उद्योग की मांग से जोड़ना। ग्लोबल स्किल पार्क और 10 मेगा आईटीआई के लिये उद्योगों के साथ भागीदारी। 4.अर्थव्यवस्था और रोजगार कृषि गारंटी ट्रस्ट के गठन के संबंध में टास्क फोर्स का गठन। संभागीय मुख्यालयों पर बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना। मण्डी नियमों एवं एक्ट में संशोधन एवं प्रभावी कार्यान्वयन। एक जिला एक उत्पाद के तहत खेती क्षेत्र के करीब खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना। बाजार लिंकेज और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा। कृत्रिम गर्भाधान 32 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक बढ़ाना और निजी भागीदारी को प्रोत्साहन। नॉलेज पोर्टल और युवा संवाद के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित करना। मिशन मोड में अनुत्पादक सांडों का बधियाकरण। किसानों को मधुमक्खी पालन से जोड़ना और शहद प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना करना। चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निकटता वाले क्षेत्रों में एमएसएमई के लिये विश्वस्तरीय कॉरीडोर के रूप में विकसित करना। निर्यात क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिये 3 नये इनलेण्ड कंटेनर डिपो स्थापित करना। राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप श्रम कानूनों को निवेशकों के लिये अनुकूल बनाना। 15 जिला मुख्यालयों में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित प्लेसमेंट सुविधा केन्द्रों की स्थापना। वनोपज का मध्यप्रदेश उत्पाद के तौर पर जीआई टैगिंग करवाना। उत्पाद विकास में अनुसंधान एवं विकास संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये व्यवसायिक संस्थानों के साथ भागीदारी।

Similar News