जानिए - विवादित बाबा का मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से क्या है कनेक्शन, सियासत भी गर्म

शिकंजे में कालीचरण महाराज जानिए - विवादित बाबा का मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से क्या है कनेक्शन, सियासत भी गर्म

Tejinder Singh
Update: 2021-12-30 16:40 GMT
जानिए - विवादित बाबा का मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से क्या है कनेक्शन, सियासत भी गर्म

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को गुरुवार रात रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रायपुर पुलिस ने खजुराहो एक होटल से कालीचरण को गिरफ्तार किया। खजुराहो से करीब 25 किमी गढ़ा बागेश्वर धाम के पास टैक्सी चालक के परिजन ने उसके घर में संचालित स्टे होम से कालीचरण महाराज को गिरफ्तार करने की जानकारी दी। स्थानीय पुलिस को बगैर सूचना दिए रायपुर पुलिस ने कार्रवाई की। जिसपर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कालीचरण की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया ‘छत्तीसगढ़ पुलिस को अपने कार्रवाई की जानकारी मध्यप्रदेश पुलिस को देनी चाहिए थी। इससे इंटर स्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है। गृहमंत्री ने तीखी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश के डीजीपी को छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात करने के निर्देश दिए।

रायपुर में आयोजित धर्म संसद के दौरान महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के गढ़ा गांव से गिरफ्तार हुए हैं। कालीचरण के खपलाफ रायपुर में दो मामले दर्ज हैं। रायपुर पुलिस कालीचरण महाराज की मोबाइल लोकेशन के आधार पर खोजते हुए स्टे होम में छापामारा, जहां महाराष्ट्र के सचिन उर्फ राजू कुटे नाम से रूम बुक कराया था। उनके साथ तीन अन्य लोग भी थे। रायपुर पुलिस के 12 अधिकारी व जवान गढ़ा गांव पहुंचे और वे भी इसी स्टे होम में रुक गए। इस दौरान कालीचरण महाराज बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग से मुलाकात करने गए थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी। रात 2 बजे जब वे धाम से लौटे उस दौरान मास्क लगाए थे। रायपुर पुलिस ने उनका मास्क उतरवाकर पहचान की और अरेस्ट कर लिया।  रायपुर पुलिस ने उनके दो शिष्यों को भी अरेस्ट कर लिया। पुलिस करीब 3.00 बजे कालीचरण को लेकर रवाना हो गई। 

पीसी शर्मा ने बताया भाजपा का एजेंट

कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी गुरुवार को गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम पहुंचे। इस दौरान जब उनसे कालीचरण की गिरफ्तारी के संबंध में सवाल किया, तो पीसी शर्मा ने इसे मप्र पुलिस की असफलता बताते हुए कहा कि जब रायपुर की पुलिस ने आरोपी कालीचरण को गिरफ्तार कर लिया, तो अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह की बात की जा रही है। दरअसल भाजपा ऐसे लोगों को बचाने का काम करती चली आ रही है। कालीचरण संत महात्मा नहीं है, बल्कि भाजपा का एजेंट है।

कालीचरण महाराज का लंबे समय तक इंदौर में निवास रहा। वे इंदौर के बाणगंगा पुलिस थाना क्षेत्र स्थित कुमार खाड़ी नामक स्थान पर एक आश्रम में रहते थे। यहां इनके भक्तों में नौजवानों का प्रतिदिन आवागमन बढ़ता गया। इस पर वृंदावन कॉलोनीवासियों ने आपत्ति जताई थी और स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में कोई केस दर्ज नहीं है। बाणगंगा पुलिस थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी ने बताया कि हमारे रिकॉर्ड में कालीचरण के खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है। इधर, पुलिस मुख्यालय की इंटलीजेंस शाखा के पास भी कालीचरण के खिलाफ मौजूदा समय में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। एडीजी इंटलीजेंस आदर्श कटियार ने बताया कि अभी तक ऐसा कोई केस हमारे रिकॉर्ड में नहीं है। 

कालीचरण उर्फ अभिजीत सराग के खिलाफ अकोला में एफआईआर

डेढ़ वर्ष पूर्व 22 जून 2020 को ‘शिव तांडव’ स्तोत्र का पठन कर सुर्खियों में आए थे। अकोला के पुराना शहर के भावसार पंच बंगला परिसर निवासी अभिजीत धनंजय सराग उर्फ कालीचरण महाराज अब गिरफ्त में हैं। जानकारी के अनुसार कृषि विभाग से सेवा निवृत्त पिता धनंजय सराग तथा दो भाइयों के परिवार में अभिजीत छोटे हैं, लेकिन पुराना शहर की नगर पालिका की शाला क्रमांक 8 में प्राथमिक शिक्षा के बाद टाउन शाला में पढ़ाई की, पढ़ाई में मन न लगने से पिता ने उन्हें मौसी के पास मालेगांव भेजा, जहां से वे इंदौर गए। वहां कुछ असामाजिक तत्वों के संपर्क में आकर काली विद्या पढ़ने ओंकारेश्वर गए। 2015 में अचानक काली महाराज बनकर अकोला लौटे। 

 

कथित तौर से कालीचरण का मामना है कि वे स्वयं काली हैं, तथा काली माता उनमें समाहित हैं। इस आशय का प्रचार कर कालीचरण साधक के तौर पर विख्यात हुए राजेश्वर मंदिर की कांवड़ यात्रा में वे अपने सहयोगियों के साथ शामिल होते थे।

इससे पहले अभिनेता अनुपम खेर ने एक विडियो और शेयर की थी। जिसमें कालीचरण शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करते दिखे थे। इस वीडियो को अनुपम खेर ने जैसे ही शेयर किया था, यूजर्स जमकर कॉमेंट किए थे। 

बताया जा रहा है कि उनके सहयोगी नशा करते थे। इतना ही नहीं 2017 के महापालिका चुनाव में पार्षद का चुनाव भी लड़ा। जिसमें बुरी तरह पराजित होने के बाद इंदौर वापस लौट गए। जहां किसी साधु के संपर्क में उन्होंने कथित तौर पर साधना की, जानकारी के अनुसार 2015 से पूर्व अकोला में रहते पुराना शहर में उनके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज हुईं, जिनमें गांजा पीने, मारपीट करने जैसे मामले शामिल थे। अकोला में उनका कोई आश्रम नहीं है।

ऐसी सूचना थी कि कालीचरण उर्फ अभिजीत धनंजय सराग का परिवार पूछताछ से परेशान होकर औरंगाबाद बेटी के पास चला गया, लेकिन पड़ताल के बाद जानकारी मिली है कि परिवार अकोला में अपने घर पर ही है, पूछताछ से बचने के लिए घर को बाहर से ताला लगा दिया गया। पीछे के दरवाजे से ही परिजन आना-जाना कर रहे हैं।


 

Tags:    

Similar News