छात्रों की शिकायतों की सुनवाई के लिए यूनिवर्सिटीज में होगा लोकपाल

छात्रों की शिकायतों की सुनवाई के लिए यूनिवर्सिटीज में होगा लोकपाल

Tejinder Singh
Update: 2019-03-03 10:51 GMT
छात्रों की शिकायतों की सुनवाई के लिए यूनिवर्सिटीज में होगा लोकपाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को होनेवाली परेशानियों व शिकायतों के निदान के लिए राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थान व विश्वविद्यालयों के लिए एक समरुप व्यवस्था अपनाई है। जिसके तहत शिकायत निवारण के लिए  सभी उच्च शिक्षा से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों को कालेज स्तर पर व्यवस्था बनानी होगी जबकि अपील के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर लोकपाल की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए नियमावली तैयार कर ली गई है। विश्वविद्यालय स्तर पर शिकायत की सुनवाई करने के लिए लोकपाल नियुक्त करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है। शनिवार को राज्य के उच्च व तकनीकि शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने यह जानकारी दी है। श्री तावडे ने कहा कि अब तक शिकायकत निवारण के लिए शैक्षणिक संस्थान व विश्वविद्यालय स्तर पर संवैधानिक व्यवस्था नहीं थी। विश्वविद्लाय व शैक्षणिक संस्थान स्तर पर बनने वाले शिकायत निवारण केंद्रों में विद्यार्थियों के एडमिशन से लेकर परीक्षा परिणाम सहित 15 प्रकार की शिकायते सुनी जाएगी। हर कालेज व विश्वविद्यालय को शिकायत निवारण केंद्र बनाना अनिवार्य होगा। कालेज के शिकायत निवारण केंद्रों को 15 दिनों के भीतर और विश्वविद्लाय स्तर के लोकपाल को एक माह के भीतर शिकायतों का निपटारा करना होगा। साथ ही झुठी शिकायते देने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाया जा सकेगा। शिकायक के लिए आनलाईन व्यवस्था तैयार करनी होगी।  

इस तरह की व्यवस्था बनाने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य 

लोकपाल के रुप में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, सेवानिवृत्त वाइस चांसलर व विशेषज्ञों की नियुक्ति की जा सकेगी। इससे संबंधित उपनियम शनिवार को जारी कर दिए गए है। शिकायत निवारण केंद्र में योग्यता के अनुसार एडमिशन न देने, प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी अनियमितता, बिना कारण दाखिला रद्द करने, शैक्षणिक संस्थान द्वारा सूचना पत्र न प्रकाशित करने, सूचना पत्र में गलत जानकारी देने, विद्यार्थियों के दस्तावेज न लौटाने, दाखिले में आरक्षण से जुड़े नियम का पालन न करने, तय फीस से अधिक फीस वसूलने, विद्यार्थियों के साथ जाति, रंग, धर्म, लिंग व जन्म स्थान तथा दिव्यांगता के आधार पर भेदभाव करने, छात्रवृत्ति न देने, फीस  लौटाने से जुड़े नियमों का पालन न करने, समय सारणी के अनुसार परीक्षा न लेने व परीक्षा परिणाम देरी से घोषित करने संबंधी शिकायतों की सुनवाई होगी। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों के लिए सूचना पत्र (प्रास्पेक्ट) छापने व इसे आनलाइन उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है। एडमिशन के 60 दिन पहले विद्यार्थियों को प्रास्पेक्ट मिलना चाहिए। महाविद्यालय स्तर पर बनने वाले शिकायत निवराण केंद्र का अध्यक्ष प्रार्चाय होगा। जबकि विश्वविद्लाय में कालेज से आनेवाली अपील को सुना जाएगा। 

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