उड़द-मूंग खरीदी में पचास फीसदी से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो सकते हैं फर्जी
उड़द-मूंग खरीदी में पचास फीसदी से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो सकते हैं फर्जी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। ग्रीष्मकालीन उड़द-मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर किसानों के हुए पंजीयन के बाद चल रहे सत्यापन कार्य में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रहीं हैं। पता चला है कि जिले में किसानों की आड़ में कई बिचौलियों ने अपना धंधा चमकाने की कोशिशों में जुट गए हैं। सूत्रों की माने तो यह जिले में समर्थन मूल्य पर उड़द-मूंग खरीदी में हुए पंजीयन में से करीब पचास फीसदी फर्जी हो सकते हैं।
दरअसल, अफसरों के कान तब खड़े हुए जब उड़द-मूंग की फसल के लिए निर्धारित रकबे से लगभग तीन गुना ज्यादा रकबे पर पैदावार का पंजीयन हो गया। इसकी भनक जब आला अधिकारियों को लगी तो उन्होंने तत्काल सत्यापन का कार्य कराने के निर्देश दिए। इसके बाद अफसरों ने जमीनी हकीकत जानने के लिए पंजीयन कराने वालों किसानों के घरों व खेतों में जाकर वास्तविकता पता करने की मुहिम शुरु की। बताया जाता है कि सत्यापन के कार्य के दौरान कई बातें सामने आ रही हैं।
इसी कड़ी में पाटन के पौड़ी ग्राम में जब एसडीएम पीके सेनगुप्ता ने पंजीकृत किसान के यहां जाकर पतासाजी की, तो किसान ने बताया कि उन्होंने उड़द या मूंग की फसल बोई ही नहीं। इसी प्रकार कई अन्य जगहों पर भी पड़ताल में यह बात सामने आई है कि किसानों के नाम पर पंजीयन तो करा दिया गया, लेकिन हकीकत में किसानों ने फसल बोई ही नहीं है। वहीं कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां कुछ बिचौलियों ने किसानों की बही लेकर उनके नाम पर पंजीयन करवा लिया है।
गौरतलब है कि बीते दिनों यह बात सामने आई थी कि कृषि विभाग के अनुसार ग्रीमष्मकालीन उड़द-मूंग के लिए लगभग साढ़े 16 हजार हेक्टेयर भूमि का रकबा निर्धारित है, लेकिन इसके ठीक उलट पचास हजार हेक्टेयर भूमि के रकबे पर फसल की उपज का पंजीयन करवा दिया गया। इसके चलते करीब पंद्रह हजार पंजीयन कराए गए हैं। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।
कलेक्टर कर रहीं मॉनिटरिंग
निर्धारित रकबे से ज्यादा की कृषि भूमि पर उडद-मूंग पंजीयन की बात सामने आने के बाद कलेक्टर ने सभी एसडीएम व तहसीलदारों को मौके का निरीक्षण कर पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर छवि भारद्वाज पंजीयन के सत्यापन कार्य की सतत निगारनी भी कर रहीं हैं। उन्होंने अफसरों को प्रतिदिन रिपोर्ट भेजकर स्थिति से अवगत कराने के निर्देश भी दिए हैं।