रात में टिकट गुम होने पर यात्रा से वंचित रहने की नौबत, नहीं मिल पाती डुप्लीकेट टिकट

रात में टिकट गुम होने पर यात्रा से वंचित रहने की नौबत, नहीं मिल पाती डुप्लीकेट टिकट

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-25 08:10 GMT
रात में टिकट गुम होने पर यात्रा से वंचित रहने की नौबत, नहीं मिल पाती डुप्लीकेट टिकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  रेलवे का पीआरएस सिस्टम सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चालू रहता है। इस बीच रिजर्वेशन टिकट या अन्य टिकट संबंधी कार्य होता है। कार्यालयीन समय के बाद या अवकाश वाले दिन कोई भी कार्य नहीं होता। इस दौरान यदि किसी का टिकट खो जाता है और उसे डुप्लीकेट टिकट की आवश्यकता है, तो वह उसे नहीं मिल पाता। कुछ दिन पहले ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया। जिसमें एक विदेशी यात्री का टिकट खो गया और उसे डुप्लीकेट टिकट के लिए यहां-वहां घूमना पड़ा। काफी देर तक परेशान होता रहा। इसके बाद मुंबई के वाणिज्य विभाग से संपर्क कर डुप्लीकेट टिकट निकाला गया और उसकी समस्या का समाधान हुआ।

शाम 6 बजे बंद होते हैं रिजर्वेशन संबंधी कार्य
शाम 6 बजे पीआरएस सिस्टम में रिजर्वेशन संबंधी कार्य बंद हो जाते हैं। उसके बाद करंट टिकट मिलते हैं और रात 10 बजे के बाद वह खिड़की बंद हो जाती है। रात में स्केनिंग मशीन के सामने टिकट काउंटर पर समाधान और करंट टिकट से संबंधित सुविधाएं रहती हैं, लेकिन रात में किसी का टिकट खो जाता है तो उसे पीआरएस सिस्टम से डुप्लीकेट टिकट नहीं मिलता और जाे काउंटर स्केनिंग मशीन के सामने है वहां कर्मचारियों को डुप्लीकेट टिकट देने अधिकार नहीं है, इसलिए वह चाहते हुए कोई सहायता नहीं कर सकते।

विदेशी व्यक्ति के साथ वाकया होने पर हुआ खुलासा
इसका एक उदाहरण कुछ दिन पहले सामने आया था। ऑस्ट्रेलिया से इयान नामक एक विदेशी व्यक्ति नागपुर घूमने आया था। घूमने के बाद उसे मुंबई जाना था, लेकिन उसका टिकट खो गया। टिकट के लिए वह पूरे स्टेशन पर घूमता रहा। भाषा की समस्या के चलते वह अपनी समस्या भी ठीक से नहीं बता पा रहा था। इस दौरान किसी की सहायता से उसने मुंबई के वाणिज्य विभाग से संपर्क कर टिकट खोने की जानकारी दी। कुछ देर बाद डुप्लीकेट टिकट बनाया गया और इयान को दिया गया। इयान उसी रात को नागपुर से निकल रहे थे। यदि किसी आम व्यक्ति की यह समस्या होती है तो उसके लिए कोई समाधान नहीं है और न ही कोई विकल्प है। 

समय खत्म होने के बाद कुछ नहीं कर सकते
कार्यालयीन कार्य के लिए कार्यालय के समय पर ही आना जरूरी है। रात में या कार्यालयीन समय खत्म होने के बाद कोई सहायता नहीं की जा सकती। -एस.जी. राव, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे, नागपुर

Tags:    

Similar News