गुलौआताल के पाथ-वे में जमी काई, फिसलकर गिर रहे लोग
रियलिटी - 7 करोड़ की लागत से किया गया था सौंदर्यीकरण, किनारे उग आई गाजरघास और झाडिय़ाँ, दुर्गंध फेंक रहा पानी गुलौआताल के पाथ-वे में जमी काई, फिसलकर गिर रहे लोग
डिजिटल डेस्क जबलपुर । स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर गढ़ा में गुलौआताल को 7 करोड़ रुपए से सँवारा गया। जिस वक्त इस तालाब में विकास कार्य हुये और सज सँवरकर तैयार हुआ सबने इसको सराहा पर अफसोस यह चमक कुछ दिनों की रही। इस तालाब में जितने सुधार कार्य किये गये धीरे-धीरे उनको जिम्मेदारों ने अनदेखी भरा रवैया अपनाकर खुद ठिकाने लगाना शुरू कर दिया। अभी यहाँ पर यह हाल है कि कम बारिश में इसकी हालत पस्त हो गई है। इसके पाथ-वे में काई जमा है, मॉर्निंग वॉक करने जो आ रहे हैं वे पाथ-वे में फिसलकर घायल हो रहे हैं। तालाब के चारों ओर झाडिय़ाँ उग आई हैं। बाँस के जो पौधे लगाये वे नीचे तक झूल रहे हैं। गंदगी का आलम यह है किबारिश के समय में भी इसका पानी बदबू मार रहा है। कुल मिलाकर एक अच्छे वर्क को जिम्मेदारों ने करीब 2 साल के अंदर ही ठिकाने लगा दिया है। इधर स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यहाँ विकास कार्य करने के बाद यह नगर निगम को सौंप दिया गया है। अब जो भी देखरेख है वह ननि को करना है।
इनसे कुछ सीख नहीं ली
सूपाताल को 10 साल पहले पर्यटन विकास निगम ने 4 करोड़ से सँवारा। नगर निगम के हाथ सौंपने के बाद यह बर्बाद हो गया। इसके साथ ही भैरव मंदिर के सामने संग्राम सागर को झील परियोजना में शामिल कर पर्यटन विकास निगम ने 4 करोड़ रुपए खर्च किये पर यह भी कुछ महीनों के अंदर बदतर हालत में पहुँच गया। इन दो तालाबों में हुये विकास कार्य और अनदेखी से सीख ली जा सकती है पर इनसे भी कुछ नहीं सीखा।
.यहाँ सफाई कर्मी कभी नजर ही नहीं आते
तालाब के आसपास और अंदर सफाई बेहतर रहे इसके लिए यहाँ पर नियमित रूप से 5 सफाई कर्मी तैनात किये गये हैं। ये सफाई कर्मी सुबह हो या शाम कभी नजर ही नहीं आते हैं। अंदर जाने वाले मुख्य प्रवेश द्वार में ही गदंगी रहती है। कागजों में यह तालाब हर दिन साफ हो रहा है पर हकीकत यही है कि मौके पर पूरी तरह से सब कुछ बदतर हालत में है। तालाब में घूमने के लिए आने वाले सवाल भी उठाते हैं कि आखिर इस तालाब का रखरखाव क्यों नहीं किया जा रहा है। सफाई नियमित क्यों नहीं होती है पर नगर निगम का कोई अधिकारी इसका उत्तर देने तैयार नहीं होता है। नजदीक ही नगर निगम का कछपुरा जोन है पर उसके बाद यहाँ सब कुछ अराजक हालात में है।