छलांग : स्मार्ट सिटी में 48वीं से 23वें पायदान पर नागपुर

छलांग : स्मार्ट सिटी में 48वीं से 23वें पायदान पर नागपुर

Tejinder Singh
Update: 2020-09-27 10:44 GMT
छलांग : स्मार्ट सिटी में 48वीं से 23वें पायदान पर नागपुर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोनाकाल के बीच शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। स्मार्ट सिटी मिशन में नागपुर शहर ने रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। दो महीने पहले 48वीं रैंकिंग हासिल करने वाले नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन को इस बार देश में 23वीं रैंकिंग मिली है। विशेष यह कि महाराष्ट्र में सिर्फ पुणे और नाशिक शहर ही नागपुर से आगे है। स्मार्ट सिटी मिशन के निदेशक कुणाल कुमार ने महाराष्ट्र के 8 शहरों की समीक्षा की, जिन्हें स्मार्ट सिटीज मिशन ऑफ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के तहत चुना गया है। इस दौरान कुमार ने स्मार्ट शहर मिशन के तहत आवास और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘इंडिया साइकिल फॉर चेंज चैलेंज’ और ‘स्ट्रीट फॉर पीपल चैलेंज’ के तहत नागपुर में होने वाली गतिविधियों पर खुशी व्यक्त की। एनएसएससीडीसीएल के प्रभारी सीईओ महेश मोरोणे ने रैंकिंग में सुधार आने पर खुशी जताते हुए महापौर संदीप जोशी और आयुक्त राधाकृष्णन बी. का आभार माना है।

{18 किलोमीटर लंबी बायसाइकिल लेन पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए हैंडल बार सर्वेक्षण किया गया। 
{सिटीजन स्टेक होल्डर की मीटिंग ली गई। सीताबर्डी को व्हीकल फ्री जोन बनाने के लिए सर्वे शुरू किया गया है। 
{शहर में 3600 सीसीटीवी कैमरे लगाकर उसके लिए सिटी ऑपरेशन सेंटर शुरू किया गया। 
{पारडी-पुनापुर-भरतवाड़ा में एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत विकास कार्य जारी है। 
{51 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही हैं। विस्थापितों के लिए होम स्वीट होम स्कीम तैयार कर उन्हें घर दिए जाएंगे। 
{आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भी मकान आवंटित होगा। 220 करोड़ इस कार्य पर खर्च होंगे। 
{900 करोड़ के टेंडर श्योर प्रोजेक्ट के काम किए जा रहे हैं। इसमें सड़क, ऑप्टिकल फाइबर लाइन, गैस लाइन आदि काम होंगे। सभी अंडरग्राउंड रहेंगे। 
{वन विभाग की जमीन के अधिग्रहण को भी मंजूरी मिली है।

स्मार्ट सिटी मिशन के शुरुआती दौर में नागपुर हर बार पहली या दूसरी रैंकिंग पर रहता था। दो महीने पहले नागपुर शहर बड़ी गिरावट के साथ अचानक 48वीं रैंकिंग पर आ गया। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। एक तो स्मार्ट सिटी मिशन के मानक बदले गए। 10 पैरामीटर तैयार किए गए हैं, जिसमें 80% टेंडर, वर्कऑडर और 20% जमीनी कार्य दिखने चाहिए थे। नागपुर में बड़े प्रोजेक्ट होने से 20% जमीनी कार्य दिखाने में संभव नहीं हो पाया। अन्य शहरों ने छोटे-छोटे काम लेने से वे 20% से अधिक काम दिखाने में सफल हो गए। पिछड़ने का एक कारण स्मार्ट सिटी में चला विवाद भी मुख्य कारण रहा। डॉ. रामनाथ सोनवणे के इस्तीफे के बाद तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने स्मार्ट सिटी की कमान अपने हाथों में ली। इस दौरान कई बड़े प्रोजेक्ट के कामों को रद्द कर नए काम लिए गए। सीईओ पद का विवाद भी लंबा चला, जिसका सीधा असर नागपुर शहर की रैंकिंग पर पड़ा। विवाद खत्म होने के बाद एनएसएससीडीसीएल ने कई कामों पर फोकस किया है। 

48वीं रैंकिंग से अब 23 तक पहुंचे हैं। हमारी तैयारी अब पहली रैंकिंग पाने की है। दिसंबर तक शहर को पहली रैंकिंग पर लाया जाएगा। इसके लिए अनेक योजनाओं पर कार्य शुरू है। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट अंतर्गत पारडी-पुनापुर-भरतवाड़ा में बड़े पैमाने पर काम शुरू है। बायसाइकिल लेन सहित विविध योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। 
-महेश मोरोणे, प्रभारी सीईओ, एनएसएससीडीसीएल, नागपुर
 

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