कनेक्टिविटी नहीं होने से बीएमआरसी के एम्स में विलय मामले की सुनवाई बढ़ी

कनेक्टिविटी नहीं होने से बीएमआरसी के एम्स में विलय मामले की सुनवाई बढ़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-12 10:25 GMT
कनेक्टिविटी नहीं होने से बीएमआरसी के एम्स में विलय मामले की सुनवाई बढ़ी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में शुक्रवार को कनेक्टिविटी नहीं होने से भोपाल मेमोरियल रिसर्च सेन्टर (बीएमआरसी) में सुविधाओं की कमी और एम्स में विलय के मामले की सुनवाई बढ़ गई। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को निर्धारित की है। भोपाल गैस पीडि़त महिला संगठन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गैस पीडि़तों के इलाज के लिए बनाए गए भोपाल मेमोरियल रिसर्च सेन्टर में डॉक्टरों के साथ ही संसाधनों की कमी है। इस मामले में डिवीजन बैंच ने बीएमआरसी के एम्स में विलय के मामले में भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जानकारी माँगी है। याचिका में कहा गया है कि मॉनीटरिंग कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीएमआरसी में डॉक्टरों के साथ ही संसाधनों का भी अभाव है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया अटकी हुई है। इसकी वजह से गैस पीडि़तों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और अधिवक्ता राजेश चंद पैरवी कर रहे हैं। 
 

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