बुजुर्गों को IT रिटर्न भरने के लिए e-mail ID की अनिवार्यता खत्म , घोषणा पत्र ही काफी : हाईकोर्ट का फैसला

बुजुर्गों को IT रिटर्न भरने के लिए e-mail ID की अनिवार्यता खत्म , घोषणा पत्र ही काफी : हाईकोर्ट का फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-10 15:03 GMT
बुजुर्गों को IT रिटर्न भरने के लिए e-mail ID की अनिवार्यता खत्म , घोषणा पत्र ही काफी : हाईकोर्ट का फैसला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ा एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि IT रिटर्न से जुड़ा फार्म "15 एच" (स्वयं घोषणा पत्र) भरते समय बैंक वरिष्ठ नागरिकों के लिए e-mail ID देने की शर्त नहीं रख सकते। गुरूवार को कोर्ट ने कहा कि जिनके पास e-mail ID नहीं है, उनका फॉर्म भी स्वीकार किए जाएं। कोर्ट ने एक मामले से जुड़े दंपति को राहत देते हुए नागपुर के यूको बैंक को आदेश दिए हैं कि वे e-mail ID की अनिवार्यता की शर्त को वापस लें और आयकर विभाग को भी इसकी सूचना दें।

यह था मामला

बीते दिनों एक बुजुर्ग दंपति ने बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के Chief judge के नाम पत्र लिखा था। प्रमिला किन्हेकर और प्रभाकर किन्हेकर ने पत्र में कोर्ट को बताया था कि सीताबर्डी के यूको बैंक में उनका बचत खाता है। उन्होंने बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट रेकरिंग ले रखा है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष जब उन्होंने फार्म "15 एच" भरा, तो बैंक ने वह आवेदन स्वीकार कर दिया। इसके कुछ समय बाद उन्हें बुलाया और e-mail ID मांगी और साथ ही कहा कि e-mail ID दिए बगैर फार्म अधूरा रहेगा। पत्र में दंपति ने लिखा था कि e-mail ID किस बला का नाम है, हम नहीं जानते। न ही हमारे पास इसके लिए जरूरी उपकरण हैं। ऐसे उपकरण खरीदने की हैसियत भी नहीं है। नया उपकरण खरीद कर उसे सीखना-समझना, अब इस उम्र में संभव भी नहीं है। दंपति ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि बैंक में फार्म "15 एच" भरने के लिए e-mail ID दर्ज कराना बुजुर्ग और अनभिज्ञ ग्राहकों के लिए संभव नहीं है। इसकी अनिवार्यता रद्द की जाए। 

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