कांग्रेस का आरोप- लागत कम करने घटाई शिवाजी महाराज के पुतले की ऊंचाई, अपमान बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस का आरोप- लागत कम करने घटाई शिवाजी महाराज के पुतले की ऊंचाई, अपमान बर्दाश्त नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा परिसर में विपक्ष ने "जय भवानी जय शिवाजी" के नारे लगाए गए। अरब सागर में प्रस्तावित शिवाजी महाराज के स्मारक पुतले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार खर्चा कम करने के लिए शिवाजी महाराज के पुतले की ऊंचाई कम कर रही है। इस मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान, विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील, नसीम खान, वीरेंद्र जगताप, एनसीपी के अजित पवार, जितेंद्र आव्हाड, शशिकांत शिंदे, वर्षा गायकवाड, दीपिका चौहान विधान भवन की सीढ़ी पर आ गए। जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार शिवाजी महाराज का अपमान कर रही है। शिवाजी के नाम पर चुनकर आने वाली सरकार अब उनका अपमान कर रही है। जिसका विरोध किया जा रहा है। इसके साथ ही विपक्ष ने भाजपा विधायक अतुल भास्कर को निलंबित करने की मांग की। विपक्ष ने मनुवादी सरकार हाय हाय जैसे नारे लगाकर शिवाजी महाराज की जय जय कार की।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि अरब सागर में बनने वाले शिवाजी के स्मारक को दुनिया का सबसे बताया जा रहा था। इसकी ऊंचाई 213 फुट होगी, लेकिन सरकार बचत के लिए पुतले की ऊंचाई कम करने में लगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले पुतले की ऊंचाई 107 मीटर थी, जो घटाकर 126 मीटर कर दी गई। जबकि तलवार की लंबाई बढ़ा दी गई। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 28100 करोड़ रुपए खर्च आने वाला है।
सरकार ने खर्च कम करने के लिए अश्व मूर्ति वाले शिवाजी महाराज के पुतले की ऊंचाई ही घटा दी। यह किसी के ध्यान ना आए, इसलिए चबूतरे की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है। सरकार ने सुनियोजित तरीके से चबूतरे और तलवार की ऊंचाई बढ़ाई है। तो वहीं पुतले की ऊंचाई कम कर दी। कांग्रेस स्पष्ट रूप से सामने रखे। अपनी मांग रख कांग्रेस नोताओं ने जैसे ही जय भवानी जय शिवाजी के नारे लगाए, पूरा परिसर गूंज उठा।
विपक्ष ने सरकार को चेताया कि किसी भी सूरत में शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें बोलने नहीं दे रही है। विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति मिलने के बावजूद भी भाजपा के सदस्य उन्हें बोलने से रोकते हैं। जिससे सरकार की मानसिकता साथ झलक रही है।