शिकार करने के बाद केले के बगीचे में दिनभर आराम करता रहा बाघ , उधर कैमरे लगाकर विभाग ढूंढता रहा

शिकार करने के बाद केले के बगीचे में दिनभर आराम करता रहा बाघ , उधर कैमरे लगाकर विभाग ढूंढता रहा

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-26 09:25 GMT
शिकार करने के बाद केले के बगीचे में दिनभर आराम करता रहा बाघ , उधर कैमरे लगाकर विभाग ढूंढता रहा

डिजिटल डेस्क,नागपुर| विदर्भ रेंज में बाघ और तेंदुए फारेस्ट को अच्छा छकाते रहते हैं। हिंगना के एक खेत में बाघ दिखने के बाद दहशत फैल गई । फारेस्ट ने इसे खदड़ने का प्रयास किया। ढूंढने के लिए 8 कैमरे भी लगाए लेकिन बाघ एक जंगली सुअर का शिकार कर  एक केले के बगीचे में दिन भर आराम फरमाता रहा और फिर चकमा देकर निकल गया।  गौरतलब है कि क्षेत्र में बाघ दिखाई देने की सूचना मिलने पर वनविभाग की रेस्क्यू टीम ने दिनभर बाघ को खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआा। बाघ दिनभर केले के बगीचे में शिकार खाकर आराम करता रहा।

बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने आस-पास 8 कैमरे भी लगाए। 15 वनकर्मी और 2 रेस्क्यू टीम के कर्मचारी रात भर के लिए तैनात किए गए, लेकिन यह प्रयास भी विफल हो गया। बाघ रात में ही जंगल की ओर निकल गया। इसकी वन विभाग को भनक तक नहीं लगी।  8 कैमरे भी कोई काम न आए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, रात में तैनात वन कर्मचारी कितने सचेत थे। हिगना वन परिक्षेत्र अधिकारी आशीष निनावे ने बताया कि, सुबह फिर से रेस्क्यू आपरेशन शुरु होने वाला था, लेकिन बाघ रात में ही वहां से निकल गया। बाग के पगमार्ग बोरगांव तालाब तक नजर आए हैं। उसके बाद हिंगना के जंगल की शुरुआत होती है, संभवत वहां चला गया होगा। 

पानी की तलाश में भटक रहे हैं वन्यप्राणी 
हिंगना तहसील के अधिकांश क्षेत्र में घना जंगल है और जंगल से सटकर बोर अभयारण्य है। जंगल में पानी की किल्लत के चलते वन्यप्राणी शहर की ओर आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणियों को पीने के पानी के लिए बनाए गए वॉटर होल में नियमित पानी नहीं भरा जाता, जिसके चलते वन्यप्राणी जंगल से सटे गांवों की ओर पानी की तलाश में आते हैं। आठ दिन पहले ही हिंगना एमआईडीसी क्षेत्र में पुलिस नगर स्थित एक मकान के बाथरूम में तेंदुआ घुस गया था, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। आए दिन तहसील के गांवों में जंगली प्राणियों द्वारा मवेशियों शिकार किया जा रहा है, लेकिन वन विभाग कोई भी उपाय योजना करने में नाकाम नजर आ रहा है। 

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