राज ठाकरे की धमकी को गंभीरता से ले राज्य सरकार

पवार की नसीहत राज ठाकरे की धमकी को गंभीरता से ले राज्य सरकार

Tejinder Singh
Update: 2022-04-13 15:46 GMT
राज ठाकरे की धमकी को गंभीरता से ले राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मस्जिदों के लाउड स्पीकर को लेकर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की चेतावनी के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि राज्य सरकार इसे गंभीरती से ले। बुधवार को राष्ट्रवादी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने राज ठाकरे के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनके भाषण को गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है। इसके पहले मंगलवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे न ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था की ‘मस्जिदों के लाउडस्पीकर 3 मई तक नहीं उतरे तो हम मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाएंगे। सरकार को जो करना है, कर ले।’ राज ठाकरे के आरोपों के जवाब में पवार ने कहा कि नास्तिक नहीं हू पर अपनी आस्था का प्रदर्शन नहीं करता। यह पूछे जाने पर कि क्या मनसे भाजपा की बी टीम हैॽ पवार ने कहा कि राज ने अपने भाषण में भाजपा के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला इससे क्या समझा जाए। पवार ने कहा कि फुले, शाहू, आंबेडकर का नाम इस लिए लिया जाता है क्योंकि ये महापुरुष शिवाजी महाराज का आदर्श लेकर काम करते थे। उन्होंने कहा कि परसो मैंने अमरावती में अपने भाषण के दौरान 15 मिनट शिवाजी महाराज पर ही बोला था। पवार ने कहा कि बाबा साहेब पुरंदरे को लेकर मैंने बोला था और आज भी उस पर कायम हूं। उन्होंने कहा कि विवादित पुस्तक लिखने वाले जेम्स लेन के लेखन बेहद खराब था। उन्हें गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि राज ठाकरे ने अपने भाषण में मंहगाई का मुद्दा भूल गए। पवार ने कहा कि 3 मई तक लाउडस्पीकर हटाने के उनके बयान को लेकर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी। पवार ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में सामाजिक एकता में विघ्न डालने की कोशिश की जा रही है और राज्य में सांप्रदायिक विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। पवार ने कहा कि यह जाहिर है कि हम उनके (राज ठाकरे के) भाषण में वही सुनते हैं, जो भाजपा उन्हें बोलने को कहती है। उन्होंने कहा कि मनसे प्रमुख ने भाजपा के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोला, लेकिन राकांपा पर निशाना साधा।

पवार ने कहा-उन्होंने वह जिम्मेदारी निभाने की कोशिश की है जो भाजपा ने उन्हें दी होगी। राज ठाकरे ने अपने भाषण में समान नागरिक संहिता की हिमायत की और देश में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की जरूरत पर जोर दिया था। पवार ने राज ठाकरे के इस दावे को ‘‘बचकाना’’ करार दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार के सदस्यों के परिसरों में छापा मारा, लेकिन सुप्रिया सुले के यहां नहीं। राकांपा प्रमुख ने कहा कि यदि अजित पवार के परिवार में कुछ होता है तो इसका मतलब है कि यह मेरे साथ हुआ। क्या आपको लगता है कि मैं और अजित पवार अलग हैं? क्या अजित और सुप्रिया चचेरे भाई-बहन नहीं हैं? यह एक बचकाना आरोप है।

साल-छ माह में एक बार बयान देते हैं राज 

मनसे प्रमुख पर प्रहार करते हुए राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों को एक ऐसे व्यक्ति के बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है ,जो छह महीने या साल में एक बार बयान देते हैं। शरद पवार ने तंज करते हुए कहा कि वह मनसे प्रमुख और भाजपा के बीच सांठगांठ की प्रकृति के बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने सवाल किया कि वह (राज ठाकरे) इस (भाजपा के) बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। इसका क्या मतलब है? लेकिन जो व्यक्ति खुद को नेता बताते हैं वह महंगाई या बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर नहीं बोलते हैं। 

 

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