विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त रहने से राज्य में लग सकता है राष्ट्रपति शासन, अजित पवार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव 

विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त रहने से राज्य में लग सकता है राष्ट्रपति शासन, अजित पवार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव 

Tejinder Singh
Update: 2021-03-04 15:50 GMT
विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त रहने से राज्य में लग सकता है राष्ट्रपति शासन, अजित पवार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा अध्यक्ष का पद पिछले 30 दिनों से खाली है और इसकी वजह से राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में यह बात कही। पुराने उदाहरण देते हुए कहा कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी खाली होने के बाद एक दो दिन बाद नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाता है। इतने दिनों तक विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी कभी खाली नहीं रही। हमको संविधान का सम्मान करना पड़ता है। भाजपा विधायक ने कहा कि इस मामले में संविधान का प्रावधान स्पष्ट है। मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल को तारीख बताने की जरूरत नहीं होती। मैं अध्यक्ष के चुनाव के लिए आज ही पत्र देने का आग्रह करता हूं। 17 फरवरी 1980 को शरद पवार की सरकार स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने बर्खास्त कर दी थी। इसकी वजह संवैधानिक प्रशासन के अस्तित्व में न होने, संविधान के मुताबिक शासन व्यवस्था ठीक तरीके से न चलाना बताया गया था। संविधान के प्रावधानों को बहुमत के जोर पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह लोकतंत्र का अपराध है।

इस तरह लोकतंत्र की, महाराष्ट्र विधानसभा नियमों, संविधान के 352, 356, 360 का मजाक नहीं उड़ाया जा सकता। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सरकार की इजाजत की जरूरत नहीं। एक दूसरे से चर्चा करें। 30 दिन का अंतर रखकर क्या कोई रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल से अपील की इस बाबत वे जल्द फैसला लें। उन्होंने कहा कि अगर नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो उस पर ध्यान खींचना उनकी जिम्मेदारी है। इस मामले में प्रधानमंत्री पर जो नियम लागू होता मुख्यमंत्री पर लागू नहीं होता सरकार चाहे जितने साल चले लेकिन संविधान के नियमों का पालन हो। अन्यथा बाद में रोना मत कि राष्ट्रपति शासन लग लगा।   

अजित पवार के खिलाफ मुनगंटीवार ने पेश किया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव 

राज्य में वैधानिक विकास मंडल की स्थापना के मुद्दे पर भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने गुरूवार को विधानसभा में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है। इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने प्रस्ताव विशेषाधिकार हनन समिति के पास भेज दिया। प्रस्ताव पेश करते हुए मुनगंटीवार ने कहा कि पवार ने 15 दिसंबर 2020 को आश्वासन दिया था कि वैधानिक विकास महामंडल की अवधि बढ़ाई जाएगी। मुनगंटीवार ने कहा कि सदन में दिए गए आश्वासन को पूरा न करना सदन का अपमान है इसलिए मैंने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। 

 

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