जहाँ अस्पताल नहीं, वहाँ कोरोना से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए मोबाइल कोच भेजेगा रेलवे

जहाँ अस्पताल नहीं, वहाँ कोरोना से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए मोबाइल कोच भेजेगा रेलवे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-09 08:48 GMT
जहाँ अस्पताल नहीं, वहाँ कोरोना से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए मोबाइल कोच भेजेगा रेलवे

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना से संक्रमित मरीजों को त्वरित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने मोबाइल कोच तैयार कर लिए हैं, जो जबलपुर के आसपास के छोटे-छोटे स्टेशनों पर सूचना मिलते ही उपलब्ध हो जाएँगे। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी जंग में कमर कसते हुए पश्चिम मध्य रेलवे ने रेलवे के 27 कोचेस को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है। जहाँ पर अस्पताल नहीं हैं, ऐसे छोटे-छोटे रेलवे स्टेशनों के पास से अगर कोरोना से संक्रमित मरीज की जानकारी मिलती है तो रेलवे आइसोलेशन वार्ड को तुरंत वहाँ पहुँचा देगा। जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर जबलपुर के आसपास के छोटे और मझौले स्टेशनों से जुड़े कस्बों और गाँवों के कोरोना से संक्रमित मरीजों को त्वरित इलाज की सुविधा देने के लिए उद्देश्य से पमरे के जबलपुर रेल मंंडल में 27 रेल कोचों को मोबाइल कोच बनाया जा चुका है, जिसमें वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी चिकित्सकीय सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर रखने के लिए ब्रेकेट, बॉटल होल्डर्स, तीन रंगों के डस्टबिन, मॉस्किटो नेट, बाथरूम में शॉवर, लिक्विड सोप डिस्पेंसर, केबिन में कोच हुक्स, मेडिकल स्टाफ के लिए ट्रांसपेरेंट पर्दों के साथ मेडिकल स्टाफ के लिए एक वार्ड और मेडिकल स्टोर की भी व्यवस्था की गई है, ताकि जबलपुर के आसपास से कोई भी सूचना कोविड-19 से संक्रमण की मिलती है तो इंजन लगाकर मोबाइल वार्ड को रवाना कर दिया जाएगा।
 

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