‘राम कथा का फल बहुत मीठा’ दूसरों में भी बांटना चाहिए -प्रेमधन लालनजी महाराज

‘राम कथा का फल बहुत मीठा’ दूसरों में भी बांटना चाहिए -प्रेमधन लालनजी महाराज

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-10 06:59 GMT
‘राम कथा का फल बहुत मीठा’ दूसरों में भी बांटना चाहिए -प्रेमधन लालनजी महाराज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जगत में श्रीराम कथा से मीठा कुछ नहीं है। श्रीराम की कथा का मीठा फल उसके श्रवण से प्राप्त हो सकता है। श्रीराम कथा से जो फल की प्राप्ति होती है उसे दूसरों में बांटना चाहिए। बांट के चखे हुए फल से अप्रतिम  संतुष्टि प्राप्त होती है। इससे जीवन में आनंद का संचार होकर मन को सुख मिलता है। यह उद्गार श्री राधा कृपा परिवार व लोया परिवार की ओर से आयोजित श्री रामकथा में प्रेमधन लालनजी महाराज ने व्यक्त किए। श्रीराम कथा का आयोजन चित्रकूटधाम, रानी लक्ष्मी सभागृह, हनुमान मंदिर के पास, लक्ष्मी नगर में जारी है। कथा का समय शाम 4 बजे से रखा गया है।

महाराजश्री ने कहा कि जब भी भक्त को प्रभु से प्रेम हो जाता है, तो प्रभु को अपने भक्त के लिए अवतार लेना ही पड़ता है। संसार में हर व्यक्ति कुछ न कुछ लेने ही आया है। वह किसी को कुछ देता भी है तो कुछ पाने की लालसा में। लोग सम्मान भी सहज रूप से नहीं देते। सम्मान भी देते है अगर तो किसी से उसी प्रकार का सम्मान वापस पाने के लिए। जो भक्त श्रीराम से जुड़ा है वह विचारशील तो होता ही है। साथ ही संसार के कल्याण के बारे में भी सोचने लगता है।  व्यासपीठ का पूजन यजमान लोया परिवार, प्रवीण तापड़िया, अनिल पारख, देवकिसन तापड़िया, हेमंत तापड़िया,  शिव जैपुरिया, अनिल चांडक, विजय चांडक,  राधेश्याम चांडक, डा. संजीव चैधरी, स्वामी शारदानंद,  अशोक खानोरकर, ओमबाबू गांधी, सीए अनिल  दानी, प्रो. अमृतलाल राठी, मथुरादास पनपालिया आदि ने किया।

भाव के वश में होते हैं भगवान - पं. आशीष मिश्र
संसार में सबकुछ संभव है, किसी वस्तु का अभाव नहीं है। अभाव है तो हमारे आपके भाव में, क्योंकि भगवान तो भाव के वश में होते हैं। रामकथा से हमें संस्कारों की शिक्षा मिलती है। यह उद्गार अखंड भारत विचार मंच की ओर से आयोजित  श्री रामकथा में काशी के कथावाचक पंडित आशीष मिश्र ने व्यक्त किए। श्री राम कथा का आयोजन मानकापुर प्राचीन शिव मंदिर प्रांगण में किया गया है जो 14 जनवरी तक जारी रहेगी। कथा का समय 3.30 से 6.30 है। मुख्य यजमान मनोज कुमार सिंह परिवार है।

महाराजश्री ने शिव- पार्वती प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि यह प्रसंग भक्तों के लिए बहुत ही कल्याणकारी व मंगलकारी है। जो सच्चे मन से कथा का श्रवण करते हैं वह विघ्न -बाधा  से परे  होकर समाज में आदर्श प्रस्तुत करते हैं। कलियुग में श्री राम कथा से बढ़कर कुछ नहीं है।   कथा वाचक ने कहा कि भोलेनाथ से बढ़कर तीनों लोकों के गुरु हैं। सृष्टि की रक्षा के लिए उन्होंने विषपान भी कर लिया। उनकी कृपा सभी पर समान रूप से पड़ती है। मां पार्वती तो साक्षात भगवती स्वरूप हैं।   व्यासपीठ का पूजन यजमान मनोज कुमार सिंह परिवार, दीपक पांडेय, भागवत सिंह खंगार, राजेंद्र पांडेय, रूद्रशरण तिवारी, राजकुमार शर्मा, महेश खंगार, सुनील अग्रवाल, विनोद मिश्रा, कमलेश राय, पं. कन्हैया शास्त्री, कपिल मिश्रा, सहित अन्य ने किया. सफलतार्थ संस्था के सदस्य व कार्यकर्ता प्रयासरत हैं।
 

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