10वीं और 12वीं स्टेट बोर्ड के रिजल्ट मई के अंत या जून के पहले सप्ताह तक

10वीं और 12वीं स्टेट बोर्ड के रिजल्ट मई के अंत या जून के पहले सप्ताह तक

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-11 12:02 GMT
10वीं और 12वीं स्टेट बोर्ड के रिजल्ट मई के अंत या जून के पहले सप्ताह तक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीएसई 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित हो चुके हैं। स्टेट बोर्ड के 10वीं और 12वीं के परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं। सभी विद्यार्थी बेसब्री से परीक्षा के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में स्टेट बोर्ड परीक्षा परिणाम प्रक्रिया पर नजर डालें तो सभी का मूल्यांकन हो गया है। अब ऐसे विद्यार्थियों की पड़ताल की जा रही है जो परीक्षा में वाकई अनुपस्थित थे या किसी कारणों से रिकार्ड में नहीं आए। साथ ही कोई त्रुटियों की जांच की जा रही है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12वीं के परिणाम 31 मई से पहले और 10वीं के परिणाम 10 जून के पहले घोषित कर दिए जाएंगे।

अनुपस्थित विद्यार्थियों की पुष्टि
स्टेट बोर्ड की 10वीं की परीक्षा 1 मार्च को शुरू हुई थी जाे 22 मार्च को समाप्त हुई और 12वीं की परीक्षा 21 फरवरी को शुरू होकर 20 मार्च को समाप्त हुई थी। अब विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम का इंतजार है। स्टेट बोर्ड की सह सचिव माधुरी सावरकर ने बताया कि सभी कॉपियों का मूल्यांकन पूरी तरह हो चुका है। अब ऐसे कारणों पर जांच हाे रही है, जिसमें त्रुटियां हों। साथ ही परीक्षा में अनुपस्थित विद्यार्थियों की भी पुष्टि की जा रही है। यह जांच पूरी होते ही 31 मई तक 12वीं के और 10 जून तक 10वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे ।

सवर्ण आरक्षण का अब तक प्रावधान नहीं
केंद्र सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। जनरल श्रेणी के विद्यार्थी, जिनकी पारिवारिक आय 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम है, वे इस योजना के लिए लाभार्थी होंेगे। लेकिन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट नागपुर के अलावा शहर के किसी अन्य ऑटोनॉमस उच्च शिक्षा संस्थान ने इसे लागू नहीं किया है। एक ओर जहां आईआईएम ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया में 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण लागू करते हुए अपनी प्रवेश क्षमता बढ़ाकर 130 कर दी है।

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय या महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में यह कोटा अभी तक लागू नहीं हुआ। नागपुर विवि की प्रवेश प्रक्रिया अभी शुरू होने की है। लेकिन आधिकारिक सूत्रों की मानें तो विवि ने अब तक इस दिशा में कोई विचार नहीं किया है। 

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