फेक आईडी से ई-टिकट की कालाबाजारी, छापे में लाखों का माल बरामद

फेक आईडी से ई-टिकट की कालाबाजारी, छापे में लाखों का माल बरामद

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-09 09:47 GMT
फेक आईडी से ई-टिकट की कालाबाजारी, छापे में लाखों का माल बरामद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य रेलवे नागपुर व दपूम रेलवे नागपुर मंडल की ओर से RPF टीम ने शहर के दो इलाकों में टिकटों की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई की। जिसमें कुल 93 ई टिकटें जिसकी कीमत 84 हजार से ज्यादा है, जब्त की गई हैं। वही दुकानों से कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, डोंगल आदि डेढ़ लाख कुल ढाई लाख का माल भी जब्त किया गया है। आरोपी फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है, लेकिन जांच-पडताल में आरोपी द्वारा  207 फेक आई डी के जरिए टिकटों की कालाबाजारी करने का खुलासा हुआ है।

इससे पहले भी RPF टीम ने नागपुर व आसपास 9 जगह कार्रवाई कर लाखों रुपए की टिकटें जब्त की थी। लेकिन ऑफ सीजन में यह RPF की पहली कार्रवाई है। हालांकि अभी तक सॉफ्टवेयर का पता नहीं चला है, लेकिन जल्दी इसका पता लगाने का आश्वासन दिया गया है। कार्रवाई मंडल सुरक्षा आयुक्त ज्योतिकुमार सतिजा व आशुतोष पांडे के मार्गदर्शन में की गई। 

आफ सीजन में पहली कार्रवाई
आफ सीजन में पहली कार्रवाई सतरंजीपुरा में पापजी कम्प्यूटर एकेडमी में की गई। दुकान में छापा मारने पर वहां काम करने वाली एक महिला ने बताया कि वह जेरॉक्स निकालने का काम करती है। दुकान मालिक चंद्र कुमार जैन है। जो रेलवे की ई टिकटें बनाते हैं। सिस्टम को चेक करने पर 47 ई टिकट फेक आईडी से बनी मिली। जिसकी कुल कीमत 81 हजार से ज्यादा है। यहां 2 मॉनिटर, 2 सीपीयु, 1 प्रिंटर, इंटरनेट डोंगल तथा वायफाई कपल 65 हजार का माल जब्त किया गया।

दूसरी कार्रवाई निरीक्षक गणेश गरकल के नेतृत्व में हुई  क्वेटा कॉलोनी में की गई है। ज्योति इलसेक्ट्रॉनिक में छापामार कार्रवाई के बाद 33 ई टिकटें फेक आईडी से बनाई सामने आई है। जिसकी कीमत 33 हजार 4 सौ से ज्यादा है। मंडल निरीक्षक एसी. सिन्हा, निरीक्षक वीएन. वानखेडे़, उपनिरीक्षक के.एन. रॉय, उपनिरीक्षक सुशीला अग्रवाल, सिपाही सतीश इंगले, सिपाही सागर सालोडकर, विनोद उईके, सुभाष अढवारे आदि ने कार्रवाई में हिस्सा लिया।

मिर्ची सॉफ्टवेयर से होती थी, टिकटों की कालाबाजारी 
इससे पहले 9 कार्रवाई में लाखों की टिकट कालाबाजारी पकड़ने के बाद जब्त किये संसाधनों की जांच-पड़ताल के बाद पाया गया कि, इन कम्प्यूटर्स में मिर्ची नाम का सॉफ्टवेयर फीड था, जिसके माध्यम से मिनटों में टिकटें बनाई जा सकती है। उपरोक्त जब्त संसाधन अभी लॉक है, इसमें कई टिकटें डिलिट भी की गई है। लेकिन RPF का कहना है कि एक्सपर्ट की मदद से वे इसकी जांच कर इसमें फीड सॉफ्टवेयर का पता लगाएंगे। 

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