सत्संग-कीर्तन से भक्ति की अलख जगाते रहे साईं पहलाजराम , 9 साल की उम्र में ‘दरबार’ से जुड़े, आज प्रमुख हैं

सत्संग-कीर्तन से भक्ति की अलख जगाते रहे साईं पहलाजराम , 9 साल की उम्र में ‘दरबार’ से जुड़े, आज प्रमुख हैं

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-14 05:04 GMT
सत्संग-कीर्तन से भक्ति की अलख जगाते रहे साईं पहलाजराम , 9 साल की उम्र में ‘दरबार’ से जुड़े, आज प्रमुख हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   शहर में ऐसे बिरले संत भी हैं, जो स्वयं दृष्टिहीन हैं, लेकिन समाज को दिशा दे रहे हैं। विशेष यह कि वे अपने-अपने दरबार के प्रमुख भी हैं। देश भर में भ्रमण कर अलग-अलग दरबारों में प्रवचन, सत्संग-कीर्तन कर भक्ति की अलख जगाते रहे हैं।  

साई पहलाजराम बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। 6 वर्ष की उम्र में माता (चेचक) के प्रकोप कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई। 9 साल की उम्र में इंदौर के संत प्रभुदासजी के संत प्रभुदास दरबार से जुड़ गए। प्रभुदासजी के दो शिष्य थे-साई गोविंदराम और साई प्रीतमदास। वहां दो साल रहे। कल्याण के संत गुरुदासराम ने उन्हें आत्माराम दरबार में आमंत्रित किया। वहां पांच-छह महीने रहने के बाद वे कल्याण के ही साईं टेऊंराम आश्रम चले गए।

साई गोविंदराम ने उन्हें फरवरी 1961 में नागपुर स्थित माता मंदिर भेजा। उनके माता-पिता मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य बनने के बाद 1958 में ही नागपुर आ गए थे। माता मंदिर के मालिक ने मंदिर की जगह दूसरे को बेच दी। जरीपटका स्थित करीब एक साल साई गोविंदराम दरबार में रहने के बाद वापस इंदौर साई गोविंदराम के पास चले गए। 1962 में पुन: नागपुर साई गोविंदराम दरबार आए। अंध विद्यालय में दाखिला लेकर पढ़ाई के साथ आय के लिए कुर्सी बुनना सीखा। आर्डर पर आफिसों में जाकर कुर्सी बुनते थे। 

देश भर में सत्संग
1981 में साई गोविंदराम का देहावसान होने के बाद श्री स्वामी चांदुराम साहिब श्री स्वामी खिलुराम साहिब दरबार के प्रमुख बने। देशभर में अलग-अलग दरबारों में सत्संग-कीर्तन द्व्रारा भक्ति की अलख जगाई। धुले और अमरावती दरबार में हर साल आमंत्रित किए जाते रहे हैं। दरबार में प्रतिदिन सुबह 9 से 10.15 बजे तक और शाम 6.45 से 8.15 बजे तक सत्संग-कीर्तन और आरती करते हैं। बगैर सहारे वे सीढ़ियों से दरबार की मंजिल के कमरों में आते-जाते हैं। ट्रेन में सीट ऊपर-नीचे कहां होगी, यह वे नंबर के आधार पर बता देते हैं।   

कई सेवाभावी कार्य
सेवाभावी कार्य  साई पहलाजराम के मार्गदर्शन में श्री स्वामी चांदुराम साहिब श्री स्वामी खिलुराम साहिब दरबार द्व्रारा सेवाकार्य कई सेवाभावी संगठनों के जरिए किए जा रहे हैं। इनमें गोविंदराम धर्मशाला, सतरामदास धर्मशाला, श्री गुरुनानकदेव सेवा मंडल आदि शामिल हैं। गरीबों को अनाज बांटने, स्कूलों के बच्चों को गणवेश उपलब्ध कराना, निराश्रितों को भोजन सहित विभिन्न सेवाभावी कार्य जारी है। 

तीन प्रमुख आयोजन
गुरुनानक जयंती
बाबा गोविंदराम की बरसी
बाबा चांदूराम की बरसी

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