सौर ऊर्जा वाले बाड़ से होगी वन्यजीवों की रक्षा, 1000 गांव में लगाने की तैयारी

सौर ऊर्जा वाले बाड़ से होगी वन्यजीवों की रक्षा, 1000 गांव में लगाने की तैयारी

Anita Peddulwar
Update: 2018-02-08 06:44 GMT
सौर ऊर्जा वाले बाड़ से होगी वन्यजीवों की रक्षा, 1000 गांव में लगाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क,नागपुर।    खेतों की फसलों के साथ वन्य जीवों की रक्षा करने के लिए प्रशासन ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। बिजली के करंट से हो रही जंगली जानवरों की मौत को रोकने के लिए अब सौर ऊर्जा आधारित कम तीव्रता की बाड़ लगाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र वन विभाग, महाराष्ट्र विद्युत वितरण कंपनी और कुछ गैर-शासकीय संस्थाओं की कमेटी में यह विचार किया गया। इसके बाद राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस पर  निर्णय लिया गया। प्रस्ताव को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। 
खासियत यह
-ऐसे बाड़ संरक्षित वनों के आस-पास उन इलाकों में लगाए जाएंगे, जहां करंट से वन्यजीवों की मौतें अधिक हुईं हैं। ये बाड़ बैटरी से चलेंगी और इन्हें सौर तथा पारंपरिक विद्युत स्रोत से चार्ज किया जा सकेगा। 
-पिछले वर्ष बिजली का करंट लगने से प्रदेश में 22 बाघों की मौत हो गई थी। यह आंकड़ा पूरे दशक में सबसे ज्यादा है और देश में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। 
-दो दिन पूर्व ही खापा वन परिक्षेत्र में 1 तेंदुआ करंट की चपेट में आकर अपने प्राण गंवा चुका है।
-नागपुर जिले में कलमेश्वर के पास 1 तेंदुआ व 2 सांभर की मौत भी करंट लगने से हुई थी।
-ब्रह्मपुरी की आतंकी बाघिन की मौत भी बिजली के करंट से हुई थी। इस बाघिन को गोली न मारने के आदेश उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिए थे। विभाग इसे पकड़ने के लिए खोज पाता उसके पहले ही एक खेत में जंगली जानवरों को रोकने के लिए बाड़ में लगाए गए बिजली के तारों से उलझ कर उसकी मौत हो गई। 
-पिछले वर्ष नागलवाड़ी वनक्षेत्र में संरक्षित वन से सटे खेत की बाड़ में दौड़ रहे करंट से 1 बाघ व 2 सांभर की जीवनलीला समाप्त हो गई थी। इसके अलावा भी कई जंगली जानवर करंंट की चपेट में आकर प्राण गंवा चुके हैं। प्रशासन द्वारा अब सौर उर्जा वाले बाड़ लगाने से जहां वन्यजीवों सुरक्षित रहेंगे वहीं फसलों की भी सुरक्षा बनी रहेगी।

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