अपना ही गेटअप देखकर लगता है डर, भूत के किरदार में खुद डर जाते हैं एक्टर
अपना ही गेटअप देखकर लगता है डर, भूत के किरदार में खुद डर जाते हैं एक्टर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कई बार इंसान अपने साये से भी डर जाता है ऐसा ही कुछ हाल शहर के एक्टर्स का उस वक्त हो जाता है जब वे खुद को भूत के गेटअप में देखते हैं। वैसे तो कलाकार अपने अभिनय से कभी हंसाते हैं, तो कभी रुलाते हैं, कभी उनका रोल देखकर डर भी जाते हैं। विलेन की भूमिका भी निभाते हैं। कई कलाकारों ने भगवान का किरदार निभाकर वाहवाही लूटी है। भूतिया या हॉरर नाटक में म्यूजिक भी डिफरेंट होता है, जिसे किरदार को फॉलो करना होता है। स्टेज पर लाइट्स भी डिम होती है, जिससे दर्शकों को उससे जोड़ा जा सके। नाटक से जुड़े कलाकारों ने भूतिया किरदार निभाते समय उनका कैसा अनुभव रहा इसे साझा करते हुए कहा कि भूत के किरदार में खुद का गेटअप देखर डर गए।
भूत का किरदार यादगार
मुझे आज भी याद है, जब मैंने 1992 में सापला मराठी नाटक में भूतिया किरदार की भूमिका निभाई थी। उस किरदार में मेरा मर्डर हो जाता है और मैं फिर से जिंदा हो जाता हंू। मुझे भूतिया रूप देने के लिए मेरा गेटअप फेस पर मुलतानी मिट्टी में कलर मिलाकर किया गया था। नाटक में म्यूजिक लाइव होने से दर्शकों को देखने में और भी मजा आया। वैसे तो मैंने बहुत सारे किरदार निभाए हैं, जो यादगार हैं, लेकिन भूत का किरदार मेरे लिए बहुत यादगार रहा। जब दर्शकों ने मेरी एंट्री पर तालियां बजाईं, तभी मुझे अपने किरदार की सफलता का पता चल गया था। मेकअप और गेटअप इतना बढ़िया था कि जब मैंने बाद में रिकॉर्डिंग देखी, तो मुझे भी आश्चर्य हो रहा था। कलाकार को हर तरह का रोल निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- राजेश चिटणीस, कलाकार
काम पर होना चाहिए फोकस
कलाकार जब भी मंच पर उतरता है, तो उसके किरदार पर फोकस होना चाहिए, तभी वह सफलता प्राप्त करता है। कई बार ऐसा भी होता है कि नाटक या प्रोग्राम के पहले उसके साथ कोई ऐसी घटना हो जाती है, जिससे उसका ध्यान अपने काम पर नहीं होता है। सफलता प्राप्त करने के लिए एकाग्रता जरूरी है। मैंने भी कई तरह के नाटक लिखे हैं। कलाकारों ने अपने किरादारों को बखूबी निभाया है। कई बार तो ऐसा हुआ है कि मंचन के पहले किसी की मां की भी डेथ हुई, लेकिन उस कलाकार ने अपनी व्यथा को मंच पर झलकने नहीं दिया। भूतिया किरदार का रोल अलग ही होता है। जीवित होते हुए मरे हुए का रोल करने में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। हॉरर नाटक की स्क्रिप्ट भी अलग तरह की हाेती है। शहर में बहुत सारे ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने भूतिया किरदार की भूमिका अदा की है। दर्शकों ने उस किरदार की सराहना भी की है।
- प्रवीण खापरे, लेखक