त्याग कर आत्मा को परमात्मा बनाया जा सकता है - योगसागर

त्याग कर आत्मा को परमात्मा बनाया जा सकता है - योगसागर

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-22 05:56 GMT
त्याग कर आत्मा को परमात्मा बनाया जा सकता है - योगसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आचार्य  विद्यासागर महामुनिराज के परम शिष्य निर्यापक श्रमण योगसागर मुनि ससंघ एवं क्षुल्लक   बालयोगी तारणसागरजी महाराज  के साथ ग्रेट नाग रोड स्थित नागदा जैन मंदिर पहुंचे। मंदिर में आयोजित प्रवचन में उन्होंने बच्चों को धर्म की परिभाषा समझाई। उन्होंने कहा,  जैन धर्म किसी समाज का नहीं होता। जैन धर्म वैज्ञान आधारित है, जो नियमों का पालन, अहिंसा, सत्य, तपस्या आदि मार्ग पर चलता है व जैन धर्म का पालन करता है। उन्होंने कहा कि हित का सृजन और अहित का विसर्जन करना चाहिए। विकृति और संस्कृति का उदहारण देते हुए पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने की शिक्षा दी। किसी भी धर्म अथवा ग्रन्थ में हिंसा का उल्लेख नहीं किया गया है। सभी कषायों का त्याग करके आत्मा को परात्मा बनाया जा सकता है।

भारत की वसुंधरा पर राग की बात नहीं होती, वरन वैराग्य की बात होती है। भारत धन संपदा के लिए नहीं, वरन अपनी संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा गया है। भारत के बच्चों में सदाचार शिष्टाचार की प्रकृति और संस्कृति  पायी जाती है। यही बच्चे बड़े होकर अरहंत, भगवंत  और महंत बनते  हैं। इस अवसर पर सभी बच्चो ने अहिंसा एवं बड़े होकर तंबाकू एवं शराब का निषेध  करने का वचन दिया और अपना जीवन आदर्शमय बनाने एवं समाज प्रदेश और भारत भूमि का नाम रोशन करने की शपथ ली। संचालन अध्यक्ष महेंद्र सिंघवी व धनराजजी  दोषी ने किया।आभार प्रदर्शन मंत्री मुकेश सिहावत ने किया। मंगलाचरण रेशमा जैन व गायत्री जैन  ने गाया। शास्त्र भेंट गिरनार समिति, नागदा युवा मंडल, जैन सेवा संगठन, वीर सेवा संगठन, शांतिलाल धुरावत, नटवरलाल दोशी, गजेंद्र सिहावत, इंदरलाल सिंघवी, पहाड़चंद  भीमावत ने किया। 
 
शीतलनाथ के जन्म कल्याणक पर अभिषेक व शांतिधारा 
मुनि ज्ञानसागर ससंघ सुबह भगवान शीतलनाथ दिगंबर जैन  नागदा मंदिर पहुंचे। मंदिर पदाधिकारियों व धर्मावलंबियों ने उनकी भव्य अगवानी की। बुधवार को नागदा समाज ने  भ. शीतलनाथ का जन्मकल्याणक मनाया। अभिषेक व शांतिधारा की गई। इसका  सौभाग्य जीतू तोरावत परिवार  को मिला। भगवान का सारथी बनने का सौभाग्य शांतिलाल दोषी परिवार को प्राप्त हुआ। आचार्य विद्यासागर महाराज की पूजा का सौभाग्य नागदा जैन समाज, वीर सेवा मंडल व नागदा समाज महिला मंडल को मिला। इस अवसर पर शिक्षकों   का सम्मान नागदा नारी शक्ति मंडल की ओर से  किया गया। जन्मकल्याणक के  अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय एवं 1500 विद्यार्थियों के लिए स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। 
 

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