स्टेट बोर्ड के परिणाम का असर, सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स का रहेगा दबदबा

स्टेट बोर्ड के परिणाम का असर, सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स का रहेगा दबदबा

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-12 07:43 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य शिक्षा मंडल द्वारा 8 जून को घोषित 10वीं कक्षा के परिणामों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसकी तुलना में सीबीएसई बोर्ड का 10वीं कक्षा का परिणाम काफी बेहतर नजर आया। ऐसे में अब यह स्पष्ट हो चला है कि इस साल 11वीं कक्षा की प्रवेश प्रक्रिया में सीबीएसई बोर्ड से 10वीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों का दबदबा दिखेगा।

मेरिट के अनुसार मिलेंगी सीटें

उल्लेखनीय है कि राज्य शिक्षा मंडल का परिणाम कुल 18.27 प्रतिशत गिरा है। वहीं नागपुर से स्टेट बोर्ड टॉपर को 98.4 प्रतिशत अंक मिले हैं। अतिरिक्त अंक मिला कर एक छात्रा 99.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सकी है। इसकी तुलना सीबीएसई के शहर के नतीजों से करें, तो सीबीएसई टॉपर को 99.4 प्रतिशत अंक मिले हैं, इसमें अतिरिक्त अंक जोड़ दिए जाएं, तो स्थिति कुछ और ही होगी। इस बार भी 11वीं में केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया होंगी। मेरिट के अनुसार विद्यार्थियों को सीटें आवंटित की जाएंगी। ऐसे में सीबीएसई के विद्यार्थी इस बार की प्रवेश प्रक्रिया में ज्यादा फायदे में रहेंगे।

मॉडरेशन पॉलिसी अहम फैक्टर

गौरतलब है कि इस साल ली गई 10वीं  स्टेट बोर्ड की परीक्षा में प्रश्नपत्र का स्वरूप बदला गया था। पाठ्यक्रम में भी कई बदलाव थे। इसके अलावा इस बार इंटरनल मूल्यांकन भी नहीं था। इसके पहले तक मिलने वाले इंटरनल अंकों के कारण परिणाम तीन से चार प्रतिशत बेहतर हुआ करता था। वहीं दूसरी ओर सीबीएसई 10वीं के परिणाम में मॉडरेशन पॉलिसी अहम फैक्टर थी। इस बार इन सभी बदलावों के चलते परिणाम प्रभावित हुआ और प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई। जानकारों के अनुसार मॉडरेशन पॉलिसी की मदद से कई विद्यार्थियों के स्कोर बढ़े हैं, अनेक तो 95 प्रतिशत के पास पहुंच गए। इन तमाम चीजों का असर 11वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया में पड़ने जा रहा है। ऐसे में राज्य शिक्षा मंडल के विद्यार्थियों को 11वीं में अच्छे कॉलेज प्राप्त करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।

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