सुसाइड नोट ने खोला सवा करोड़ की ठगी का राज

आत्महत्या प्रकरण सुसाइड नोट ने खोला सवा करोड़ की ठगी का राज

Tejinder Singh
Update: 2022-06-12 13:09 GMT
सुसाइड नोट ने खोला सवा करोड़ की ठगी का राज

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सामाजिक कार्यकर्ता की मौत के लिए जिम्मेदार गिरोह के 10 के सदस्यों के खिलाफ शनिवार को प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपियों में एक महिला व कुख्यात बदमाश भी शामिल है। रेलवे तथा वेकोलि में नौकरी लगाने के नाम पर इस गिरोह ने सामाजिक कार्यकर्ता तथा उसके परिचितों से सवा करोड़ रुपए ऐंठ लिए हैं। इससे त्रस्त होकर सामाजिक कार्यकर्ता ने जहर गटक लिया था। 

जांच-पड़ताल में पुलिस के हाथ लगा सुसाइड नोट

मृतक सामाजिक कार्यकर्ता अमित कोवे (50) बोरगांव निवासी था। 14 जनवरी 2022 को दोपहर 3 बजे पंचशील चौक के पास तिलक पत्रकार भवन के सामने वह बेहोश पाया गया था। उसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी 17 मई को उपचार के दौरान मौत हो गई। आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज िकया गया था। जांच के दौरान पुलिस के हाथ सुसाइड नोट लगा है। 

यह हैं आरोपी

सुसाइड नोट में जिक्र के अनुसार इस प्रकरण में अमित ने पुत्र चंदन (31) को रेलवे में नौकरी लगाने के लिए आरोपी रशीद आलम (50), राहुल सिंह (45), दोनों सेल्डा डीआरएम ऑफिस कोलकाता, राजेंद्र तिवारी (50), अजनी, शिल्पा सालपत्ती (43), मानेवाड़ा रोड, राकेश खुराना (50), कड़बी चौक, दीपक सतेल (45), कामठी, कुख्यात बदमाश नव्वा वलके (45), भांडे प्लॉट, हेमंत नागपुरे (45), प्रताप नगर, निखिल कोचे (35), मनीष नगर और गोपाल तुपट (45) को लाखों रुपए दिए थे। इसके बाद आरोपियों ने अमित के परिचित तथा रिश्तेदारांे को भी ठगा। इस प्रकार कुल 1 करोड़ 30 लाख रुपए से ठगा गया।

गिरोह ने यह दिया झांसा 

गिरोह ने अमित यह झांसा दिया गया था कि, जितने ज्यादा उम्मीदवार नौकरी के लिए मिलेंगे, उतने कम रुपए उसके पुत्र की नौकरी के लिए लगेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता के परिचितों की संख्या ज्यादा होने से आरोपियों ने कई लोगों से रुपए लिए। इसके बाद जिन लोगों से रुपए लिए थे उन्हें गिरोह के लोग मेडिकल जांच-पड़ताल और प्रशिक्षण के नाम पर कोलकाता ले गए। उन्हें फर्जी िनयुक्ति पत्र थमाया, तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। 

रिश्तेदार-परिचितों ने दबाव बनाने पर की थी खुदकुशी

नौकरी नहीं मिलने पर रिश्तेदार और अन्य लोग रकम वापस पाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अमित पर दबाव बनाने लगे। उसके घर जाकर हंगामा करने लगे। जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। उधर रुपए वापस मांगने पर आरोपी अमित को धमकाने लगे थे। इससे परेशान होकर आखिरकार  अमित ने जहरीला पदार्थ गट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में रेलवे से जुड़े कुछ लोग भी लिप्त होने से प्रकरण में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। 

मृतक के मोबाइल में था रकम का ब्योरा

घटना के दिन सामाजिक कार्यकर्ता अमित कोवे आरोपियों के खिलाफ पत्र परिषद लेने की तैयारी मंे था। इस बीच उसे पता चला िक, िकसी ने उसके खिलाफ ही धोखाधड़ी की िशकायत की है, जबकि अमित ने अपने मोबाइल में धोखाधड़ी होने और िकस-किस को नौकरी के िलए रकम दी, इसका ब्योरा था।

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