मॉनसून सत्र के स्थान को लेकर असमंजस बरकरार,  यवतमाल के अतिक्रमण पर प्रस्ताव पेश करने का निर्देश

मॉनसून सत्र के स्थान को लेकर असमंजस बरकरार,  यवतमाल के अतिक्रमण पर प्रस्ताव पेश करने का निर्देश

Tejinder Singh
Update: 2018-04-03 14:56 GMT
मॉनसून सत्र के स्थान को लेकर असमंजस बरकरार,  यवतमाल के अतिक्रमण पर प्रस्ताव पेश करने का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के मॉनसून सत्र के स्थान को लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है। मंगलवार को बुलाई गई विधानमंडल की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में मॉनसून अधिवेशन की जगह को लेकर फैसला नहीं हो पाया। अब विधानमंडल की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक 11 अप्रैल को होगी। इसी बैठक में अंतिम फैसला होने के उम्मीद जताई जा रही है। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि नागपुर में सरकारी आवास को साल भर के लिए किराए पर दिया जाता है। जब दिसंबर में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र होता है तो आवास को खाली करा लिया जाता है।

अधिवेशन के समय इन घरों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रहते हैं। लेकिन यदि 4 जुलाई से होने वाले मानसून सत्र का आयोजन नागपुर में किया जाता है तो किराए पर दिए गए सरकारी आवास को खाली करना पड़ेगा। इस कारण थोड़ी दुविधा की स्थिति है। बापट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगली बैठक में अधिवेशन के लिए जगह निश्चित कर ली जाएगी। इससे पहले 28 मार्च को बजट अधिवेशन के सत्रावसान पर मानसून सत्र की शुरुआत 4 जुलाई से करने की घोषणा की थी लेकिन मॉनसून सत्र मुंबई में होगा या फिर नागपुर में होगा। इसकी घोषणा नहीं की गई थी।

सरकार ने 22 मार्च को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मॉनसून सत्र के स्थान पर फैसला लेने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन किया है। इसमें प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री बापट, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई शामिल है। उपसमिति पर विधानमंडल के दोनों सदनों के विधायक दल नेताओं से चर्चा करके बैठक की जगह को लेकर आमसहमति बनाने की जिम्मेदारी है। 

यवतमाल के अतिक्रमण पर प्रस्ताव पेश करने का निर्देश 
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यवतमाल जिले के निवासी अतिक्रमण के संबंध में समीक्षा बैठक की। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने अतिक्रमण के संबंध में राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करने का निर्देश नगर विकास विभाग को दिया है। यवतमाल के दिग्रस तहसील के देवनगर और नेर तहसील के अशोक नगर में कुल 1 हजार 65 निवासी अतिक्रमण हुआ है। स्थानीय लोगों ने इस अतिक्रमण को नियमित कतरने की मांग की है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील, राजस्व राज्य मंत्री संजय राठोड, यवतमाल के जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख समेत अन्य लोग उपस्थित थे। 
 

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