फर्जी लेटर लेकर करते थे माल ढुलाई, पकड़े गए

फर्जी लेटर लेकर करते थे माल ढुलाई, पकड़े गए

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-11 05:53 GMT
फर्जी लेटर लेकर करते थे माल ढुलाई, पकड़े गए

डिजिटल डेस्क, नागपुर । फर्जी परमिशन लेटर के शहर में टिप्पर चलाने वाले आरोपियों को अब जेल की हवा खाने की नौबत आन पड़ी है। काफी दिनों से टिप्पर चालक व मालिक  ट्रैफिक डिपार्टमेंट की आंख में धूल झोंक रहे थे। उल्लेखनीय है कि  शहर के शहरी सीमा में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। कार्रवाई से बचने के लिए आवश्यक परमिशन लेटर तो इन्होंने ले रखी थी, लेकिन उस पर नई डेट डालकर शहरी सीमा में धड़ल्ले से प्रवेश कर लेते थे। यह कारनामा वे काफी दिनों से कर रहे थे, इसी बीच अनुमति देने वाले अधिकारी का तबादला हो गया पर इन्हें जानकारी नहीं थी। शहरी सीमा में पकड़े गए तो भी परमिशन लेटर का धौंस जमाते रहे। फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और दोनों गिरफ्तार कर लिए गए।  

माल ढुलाई करते थे वाहन से
उप्पलवाड़ी निवासी दीपक श्रीकांत गणवीर के पास एमएच 40 एके 0025 क्रमांक का भारी वाहन टिप्पर है। इस वाहन से रेत, गिट्टी, गुरुम आदि की ढुलाई वह करता है। शहरी सीमा में चूंकि भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है, इसलिए कई भारी वाहनों के चालक और मालिक ट्रैफिक डिपार्टमेंट की अनुमति लेकर ही शहरी सीमा में भारी वाहन को ले आते है। दीपक और संतोष ने वर्ष 2017 में ऐसी ही अनुमति ट्रैफिक डिपार्टमेंट के  तत्कालीन डीसीपी रवींद्र सिंह परदेशी से ले रखी थी। मगर यह परमिशन मात्र एक महीना अथवा 28 दिन के लिए ही रहती है। फिर नया अनुमति-पत्र लेना पड़ता है। दीपक और संतोष कई बार अनुमति-पत्र ले चुके हैं। इस बीच, डीसीपी रवींद्रसिंह परदेशी का ट्रैफिक डिपार्टमेंट से पुलिस मुख्यालय में तबादला हो गया पर उन्हें जानकारी नहीं थी। कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने पुराने फर्जी परमिशन की फोटो कॉपी निकालकर उसमें तारीख बदल दी। इस फर्जी पत्र में 20 मार्च से 18 अप्रैल 2018 तक अनुमति दर्शाया गया था। यही पत्र लेकर मंगलवार को भी वे टिप्पर लेकर शहरी सीमा में पहुंच गए और पकड़े गए। ट्रैफिक डिपार्टमेंट के उपनिरीक्षक अनंत उईके ने कापसी पुलिया के पास उनकी टिप्पर को रोक लिया।

फर्जी लेटर के जरिए उपनिरीक्षक पर धौंस जमाने का प्रयास  
कार्रवाई के पूर्व चालक संतोष जिपके ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट के आफिसर पर भी धौंस जमाने का प्रयास किया। लेेटर दिखाते हुए कहा कि भारी वाहन शहरी सीमा में ले जाने का बड़े साहब का फर्जी परमिशन हमारे पास है। अधिकारी भी कुछ समय के लिए चकरा गया। वह जानता था कि वर्तमान में ट्रैफिक डिपार्टमेंट के डीसीपी एस.चैतन्य हैं। लिहाजा, नई तिथि में पुराने अधिकारी का पत्र कैसे हो सकता है?  उसने विभाग से पड़ताल की तो फर्जी परमिशन फर्जी होने का खुलासा हुआ। कलमना थाने में प्रकरण दर्ज कर चालक और टिप्पर मालिक को गिरफ्तार किया गया है। जांच जारी है।


 

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