पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिवार की दो खदानें सील - न्यायालय के आदेश को आधार बताकर खनिज, वन, राजस्व व पुलिस  ने की कार्रवाई

पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिवार की दो खदानें सील - न्यायालय के आदेश को आधार बताकर खनिज, वन, राजस्व व पुलिस  ने की कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-05 08:18 GMT
पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिवार की दो खदानें सील - न्यायालय के आदेश को आधार बताकर खनिज, वन, राजस्व व पुलिस  ने की कार्रवाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिले की सिहोरा तहसील के ग्राम अगरिया स्थित पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक संजय पाठक के परिवार से जुड़ी आयरन ओर की खदान को खनिज, वन, राजस्व व पुलिस विभाग की टीम ने बुधवार को सील कर दिया। उक्त कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन में की गई। आदेश के मुताबिक यहाँ िकसी भी तरह के उत्खनन पर रोक लगा दी गई। यहाँ बड़ी मात्रा में रखे आयरन ओर के स्टॉक को भी सील कर दिया गया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की राजनीति में मौजूदा समय में चल रही हलचल भी खदान बंद कराने की वजह हो सकती है। 
जानकारी के अनुसार अगरिया के खसरा नंबर 1093 और दुबियारा खसरा नंबर 628-1 पर मेसर्स निर्मला मिनरल्स को स्वीकृत आयरन ओर की खदानों को बन्द करने के आदेश पुन: जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 3 मई 2019 को इस संबंध में दिए गए एक आदेश के आधार पर वनमंडलाधिकारी, जबलपुर ने 7 जून 2019 को उक्त भूमियों में खनन बंद करने के निर्देश दिए थे। उक्त आधार पर कलेक्टर ने 10 जून 2019 को आदेश जारी कर  खनन पर रोक लगा दी थी। इस मामले में पट्टेदार द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर तथा महाधिवक्ता से प्राप्त अभिमत के आधार पर कलेक्टर ने 13 अगस्त 2019 को स्थगन आदेश जारी कर अपने पूर्व आदेश पर रोक लगा दी थी।  इससे उक्त खदानों में सुचारु रूप से खनन होने लगा था। 
इस आधार पर पुन: लगाई रोक

 जानकारी के अनुसार खदानों को पुन: सील करने के पीछे यह आधार बताया जा रहा है कि लगभग 6 माह से भी अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी पट्टेदार यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि उक्त भूमि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से प्रभावित नहीं होती है। अत: बुधवार को कलेक्टर द्वारा जारी स्थगन आदेश निरस्त कर खदान पुन: बंद करा दी गई है।
एक अन्य मामले में जिला प्रशासन ने ग्राम सिंदुरी में भोपाल निवासी जय कुमार सिंह की 9 हेक्टेयर रकबे में आयरन ओर की खदान मेसर्स जय मिनरल्स को निरस्त करने का प्रस्ताव भी शासन के पास भेज दिया है। उक्त खदान न्यायालय के आदेश के बाद लंबे समय से बंद पड़ी हुई है। जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के निर्मला मिनरल्स के समरूप आदेश के अनुपालन में उक्त भूमि को शासन स्तर की समिति ने वन भूमि घोषित कर दिया था, जिसके विरुद्ध जय मिनरल्स द्वारा उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका प्रस्तुत की गई थी। उक्त खदान वर्ष 2015 से पर्यावरण आपत्ति के अभाव में बंद है। लगातार 2 से अधिक वर्षों से बंद रहने से खदान लेप्स करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। 
बुधवार दोपहर कार्रवाई करने खनिज, वन, राजस्व िवभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही दो थाना क्षेत्रों की पुलिस पहुँची। विवाद या विरोध की आशंका के चलते यहाँ मझगवाँ और खितौला थाना की पुलिस के सैकड़ों जवानों ने मोर्चा सँभाल लिया था। हालाँकि कार्रवाई के दौरान किसी तरह का िवरोध नहीं हुआ। विभागों के अधिकारियों ने बाकायदा मौके पर खड़े रहकर स्टॉक में चूने से निशान लगाकर उसे सील किया, ताकि स्टॉक को चोरी-छिपे भी न उठाया जा सके।   
इनका कहना है 
मेरे परिवार की खदानों का जो पंचनामा बनाया गया है, वह भाजपा से प्यार और काँग्रेस में ना जाने का परिणाम है। प्रदेश में चल रही राजनीतिक हलचल के कारण प्रदेश सरकार द्वारा दबाव की राजनीति के तहत यह कदम उठाए जा रहे हैं।
 संजय पाठक, भाजपा विधायक

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