केंद्र के पाले में डाली गेंद- उद्धव बोले - अब मराठा आरक्षण पर फैसला लें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

केंद्र के पाले में डाली गेंद- उद्धव बोले - अब मराठा आरक्षण पर फैसला लें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

Tejinder Singh
Update: 2021-05-05 12:12 GMT
केंद्र के पाले में डाली गेंद- उद्धव बोले - अब मराठा आरक्षण पर फैसला लें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट की ओर से मराठा आरक्षण को रद्द करने के फैसले के बाद राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने केंद्र सरकार के पाले में गेंद डाल दी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब मराठा आरक्षण के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तत्काल फैसला करें। यह हमारी हाथ जोड़कर विनती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार ने शाह बानो मामले, एट्रोसिटी कानून और अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बारे में तत्परता से फैसला लिया है। इसके लिए संविधान में संशोधन किया है। अब केंद्र सरकार वही गति मराठा आरक्षण के मामले में दिखाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को आरक्षण के बारे में फैसला लेने का अधिकार नहीं है। शीर्ष अदालत ने गायकवाड समिति की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसले को कचरे की टोकरी दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण के बारे में फैसला लेने का अधिकार राज्य को नहीं बल्कि केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को है। यह आदेश एक प्रकार से छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र का मार्गदर्शन है। मुख्यमंत्री ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजी राजे पिछले एक साल से मराठा आरक्षण के मामले को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलने का समय क्यों नहीं दिया? 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण के बारे में फैसला लेने का अधिकार प्रधानमंत्री को है। इसलिए मेरा यह सवाल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस फैसले को लेकर कोई महाराष्ट्र का वातावरण बिगाड़ने का प्रयास न करे। कोई जनता को भड़काने का प्रयास न करे। सरकार मराठा आरक्षण के लिए कानूनी लड़ाई जीत मिलने तक जारी रखेगी। उद्धव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द किया जाना राज्य के किसान, मेहनतकश समाज का दुर्भाग्य है। 

अप्रत्याशित, अनाकलनीय और निराशजनक फैसला- उपमुख्यमंत्री   

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मराठा आरक्षण को रद्द करने के फैसले को अप्रत्याशित, अकल्पनिय और निराशजनक बताया है।  उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गहराई से अध्ययन कर राज्य सरकार अगला कदम उठाने के बारे में फैसला करेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई राज्यों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक होते हुए भी मराठा आरक्षण के बारे में विचार न होना कल्पना से परे है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो नकारा है उसकी भरपाई जिस भी मार्ग से संभव होगा उसको करने के लिए सरकार प्रयासरत रहेगी। मराठा समाज को न्याय व अधिकार देने के लिए सरकार के लिए जो संभव होगा वह किया जाएगा।  

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