सीएम ने कहा - हम खोखली घोषणा करने वालों में नहीं, शेलार का पलटवार

सीएम ने कहा - हम खोखली घोषणा करने वालों में नहीं, शेलार का पलटवार

Tejinder Singh
Update: 2020-05-24 13:43 GMT
सीएम ने कहा - हम खोखली घोषणा करने वालों में नहीं, शेलार का पलटवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट से निपटने में विफल होने का आरोप लगाकर राज्य के लिए पैकेज की मांग करने वाली भाजपा पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खोखली घोषणा करने वाले महाविकास आघाडी की सरकार नहीं है। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बैगर कहा कि कुछ लोग पैकेज देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक लाखों करोड़ रुपए के पैकेज बांटे गए, इसका लाभ कितने लोगों को मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैकेज का आवरण बहुत अच्छा लगता है, आवरण खोलने के बाद पता चलता है, अंदर खाली खोखा है। ऐसी खोखली घोषणा करने वाले महाविकास आघाडी की सरकार नहीं है। रविवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य की जनता को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने बिना राशन कार्ड धारकों को अनाज, शिव भोजन थाली योजना, महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना का लाभ राज्य के सभी लोगों को मुफ्त उपचार देने, प्रवासी मजदूरों को गांव भेजने के लिए ट्रेन और एसटी बस सुविधा पर सरकार की तरफ से किए जाने वाले खर्च गिनाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी खर्च को पैकेज कहें क्या? हम इन सुविधाओं के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवाएं या फिर प्रत्यक्ष रूप से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल कोरोना संकट का समय है। इसलिए कोई राजनीति न करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने राजनीति शुरू की है, लेकिन हम राजनीति नहीं करेंगे। क्योंकि हम पर महाराष्ट्र की जिम्मेदारी है। हम पर महाराष्ट्र का विश्वास है। राज्य की जिम्मेदारी के साथ लोगों का विश्वास पर हम पर ज्यादा है। इसलिए विपक्ष कुछ भी कहे। लेकिन मैं, मेरा मंत्रिमंडल और राज्य सरकार प्रमाणिक रूप से काम कर रही है, लेकिन राज्य को कुछ कमी महसूस हो रही है। केंद्र सरकार से राज्य को जीएसटी का हिस्सा नहीं मिला है। राज्य सरकार के हिस्से के पैसे केंद्र सरकार के पास फंसे हैं। कोरोना प्रकोप फैलने के बाद शुरुआत में पीपीई कीट नहीं मिल पा रही थी। अभी भी दवाइयों की कमी है। इन मुद्दों पर राज्य सरकार क्या केंद्र सरकार के खिलाफ चिल्लाना शुरू कर दें। अगर हमने इन मुद्दों को उठाया, तो यह मानवता नहीं कहलाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल राजनीति के लिए राजनीति करना महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। 

अचानक खत्म नहीं होगा लॉकडाउन

मुख्यमंत्री ने कहा कि अचानक लॉकडाउन हटाना उचित नहीं होगा। लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मई तक लॉकडाउन खत्म हो रहा है। इसके बाद लॉकडाउन खत्म हो जाएगा या जारी रहेगा। इसका जवाब हां अथवा ना में नहीं दिया जा सकता है। अचानक लॉकडाउन लागू करने और अचानक लॉकडाउन खत्म करने का मतलब है कि एक पैर फिर दूसरे पैरे में भी कुल्हाड़ी मारना। हमें ऐसा नहीं करना है। इसलिए हम धीरे-धीरे चीजों को शुरू करने की अनुमति दी जाएगी, भीड़ हुई तो दुर्भाग्य पूर्ण तरीके से दोबारा बंद करना पड़ेगा। इसलिए भीड़ नहीं होनी चाहिए। राज्य में जनजीवन पटरी पर लाने के लिए लोग मदद करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुछ दिनों तक कोई त्यौहार, उत्सव, सामाजिक और राजनीतिक सभा और कार्यक्रम के आयोजन पर पाबंदी बनी रहेगी। 

मुख्यमंत्री को पैकज शब्द पर इतना गुस्सा क्यों- शेलार

उधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विपक्षी दल पर किए गए वार पर भाजपा ने जवाब दिया है। रविवार को भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि मुख्यमंत्री को पैकज शब्द पर इतना गुस्सा क्यों है। उन्होंने कहा कि पहले शिवसेना जब विपक्ष में और उसके बाद सत्ता में थी तो किसानों के लिए पैकेज देने की मांग कर रही थी, वह किसानों के साथ धोखा था क्या। शेलार ने कहा कि केंद्र ने नवराष्ट्र के निर्माण की परिकल्पना के लिए काम किया। हमारी अपेक्षा अब राज्य सरकार से है। महाराष्ट्र को फिर से खड़ा करना पड़ेगा। शेलार ने कहा कि राज्य के किसान, मजदूर और महिला बचत समूहों को केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार से पैकेज की अपेक्षा है। इस पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि पहले कोरोना पर विजय हासिल करेंगे, फिर मदद पैकेज का देखेंगे। इसका मतलब है कि आदमी के मरने के बाद आप पानी पिलाने के लिए आएंगे। शेलार ने कहा कि मुख्यमंत्री साहब अब बोलिए नहीं, बल्कि कुछ करके दिखाइए। कोरोना के मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। जिन मरीजों की मौत हो रही है, उन्हें अस्पताल से जे जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रही है। शेलार ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने राजनीति नहीं करने की नसीहत शिवसेना सांसद संजय राऊत और प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील को दी है। शेलार ने कहा कि कोरोना पर भाजपा नहीं बल्कि राऊत और पाटील हर दिन कुछ न कुछ बयानबाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने शायद दोनों नेताओं को निजी रूप से राजनीति न करने को कहा था लेकिन दोनों ने नहीं सुना। इससे अब मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा है। 


 

Tags:    

Similar News