जनता का सवाल - भाजपा के प्रचार पर्चों में मोदी और फडणवीस के साथ गडकरी क्यों नहीं?

जनता का सवाल - भाजपा के प्रचार पर्चों में मोदी और फडणवीस के साथ गडकरी क्यों नहीं?

Tejinder Singh
Update: 2018-06-22 12:14 GMT
जनता का सवाल - भाजपा के प्रचार पर्चों में मोदी और फडणवीस के साथ गडकरी क्यों नहीं?

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संपर्क अभियान के तहत शहर में बंट रहे भाजपा के प्रचार-पर्चों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरें तो हैं, लेकिन यहां के सांसद व भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी की तस्वीर नहीं है। विकास मामले में गडकरी का नाम खूब सुना जा रहा है फिर पर्चे में उनकी तस्वीर कोई नहीं, यह सवाल भाजपा के ही पदाधिकारी ने उठाया है। फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं आया है।

दरअसल, गुरुवार को भाजपा के शहर कार्यालय में संगठन कार्य की समीक्षा बैठक हुई। प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री विजय पुराणिक ने संगठन कार्यों की जानकारी ली। रवींद्र भुसारी के स्थान पर संगठन मंत्री बनाए गए पुराणिक का यह पहला नागपुर दौरा था। उन्होंने शहर में संगठन कार्य को लेकर कुछ मामलों में सुधार का सुझाव भी दिया। इसी दौरान एक पदाधिकारी ने गडकरी की तस्वीर का मामला उठा दिया। पदाधिकारी का कहना था कि यहां भाजपा के विकास कार्य की बात करने के दौरान गडकरी का नाम लेना अनिवार्य हो जाता है, लेकिन मोदी व फडणवीस के साथ उनका फोटो नहीं हाेने से कार्यकर्ताओं को जनता के विविध सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

प्रदेश संगठन मंत्री के पास जवाब नहीं
प्रदेश संगठन मंत्री ने गडकरी के मामले पर तो कोई जवाब नहीं दिया पर जनसंपर्क मामले में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर पदाधिकारियों की खूब क्लास ली। उन्होंने कहा कि संपर्क से समर्थन अभियान के तहत केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी का प्रचार करना है। मोदी ‘एप’ भाजपा के जनसंपर्क अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन नागपुर में न जाने क्यों इस एप का अधिक प्रचार ही नहीं हुआ है। कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन में भी यह ‘एप’ डाउनलोड किया नहीं दिखता है।

प्रधानमंत्री मोदी किसानों से संवाद साधते हैं। सामान्य नागरिकों से भी ‘लाइव’ बात करते हैं। मोदी ‘एप’ नहीं होने से कार्यकर्ताओं को इस बारे में अधिक जानकारी कैसे हो सकती है। पुराणिक ने शहर में जनसंपर्क कार्य को लेकर भी असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि नागपुर में 6 लाख के करीब घरों तक पहुंचकर जनसंपर्क करना है, लेकिन मंडल स्तर पर संगठन कार्य की रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि यहां तो 6 हजार से 7 हजार घरों तक ही संपर्क हो पाया है। आखिर जनसंपर्क में दिक्कत क्या है।

संघ के कार्यकर्ता पर सेल्फी का असर नहीं होता है
विजय पुराणिक ने स्थानीय पदाधिकारियों को सेल्फी कल्चर से बचने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि संगठन मंत्री स्तर के पदाधिकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता होते हैं। कोई यह न समझ बैठें कि उन पदाधिकारियों के साथ सेल्फी लेकर या फोटो खिंचवाकर चुनाव में भाजपा का टिकट पाया जाता है। संघ के कार्यकर्ता पर सेल्फी का असर नहीं होता है। 
 

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