पूर्व की भाजपा सरकार में मुस्लिम आरक्षण पर चुप क्यों थे एमआईएम के दोनों विधायक- नसीम खान  

सवाल पूर्व की भाजपा सरकार में मुस्लिम आरक्षण पर चुप क्यों थे एमआईएम के दोनों विधायक- नसीम खान  

Tejinder Singh
Update: 2021-12-12 13:22 GMT
पूर्व की भाजपा सरकार में मुस्लिम आरक्षण पर चुप क्यों थे एमआईएम के दोनों विधायक- नसीम खान  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण के लिए रैली निकालने वाली एमआईएम को निशाने पर लिया है। पूर्व मंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष नसीम खान ने सवाल करते हुए कहा कि पूर्व की फडणवीस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान एमआईएम के दोनों विधायक मुस्लिम आरक्षण पर चुप क्यों थे? खान ने कहा कि एमआईएम और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। रविवार को खान ने कहा कि साल 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली आघाड़ी सरकार ने मुस्लिम समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया था। बाम्बे हाईकोर्ट ने मुस्लिम समाज के शिक्षा में आरक्षण को बरकरार रखा था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस आरक्षण को लागू नहीं किया। खान ने दावा किया कि एमआईएम के तत्कालीन विधायक इम्तियाज जलील और वारिस पठान ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर फडणवीस सरकार से कभी जवाब नहीं मांगा। जबकि कांग्रेस ने पांच साल तक मुस्लिम आरक्षण के लिए संघर्ष किया था। खान ने पूछा कि एमआईएम को चुनाव के समय ही मुस्लिम आरक्षण की याद क्यों आती है? उन्होंने कहा कि अगले साल मुंबई समेत अन्य नगर निकायों के चुनाव होने हैं। इसलिए एमआईएम के अध्यक्ष तथा सांसद असदुद्दीन ओवैसी मुंबई में आकर मुस्लिम आरक्षण पर अपनी राजनीति को चमकाना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी। खान ने कहा कि ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय के लिए अब तक क्या किया है? महाराष्ट्र का मुस्लिम समाज एमआईएम के बहकावे में नहीं आएगा। इसके पहले शनिवार को मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर एमआईएम ने मुंबई में रैली की थी।

 

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