मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी - पति के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर रद्द कराने पहुंची पत्नी

मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी - पति के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर रद्द कराने पहुंची पत्नी

Tejinder Singh
Update: 2020-11-25 16:29 GMT
मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी - पति के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर रद्द कराने पहुंची पत्नी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जब मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी इस कहावत का उल्लेख करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने एक महिला प्रोफेसर द्वारा अपने डाक्टर पति के खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द कर दिया है। मामले की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान महिला ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ के सामने कहा कि कोरोना के दौरान अधिक काम के तनाव के चलते पैदा हुई गलतफहमी के चलते मैंने मामला दर्ज कराया था पर अब हमने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। 

एक मेडिकल कालेज में माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर महिला ने कहा कि उसका वैवाहिक जीवन 20 सालों का है। कोरोना के शुरुआती दिनों में काम के बेहद तनाव के चलते वैवाहिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस दौरान उसे अपने पति के साथ अस्पताल में 18 घंटे काम करना पड़ता था। इसलिए घरेलू हिंसा के आरोपों के तहत मैंने मामला दर्ज कराया था। महिला के पति सरकारी अस्पताल में डाक्टर हैं। उनके दो बच्चे हैं। महिला ने कहा कि काउंसलिंग के बाद हमने अपने मतभेद सुलझाते हुए फिर से साथ रहने को राजी हुए हैं। 

डाक्टरों के लिए मन में बेहद सम्मान

इस पर खंडपीठ ने कहा कि हमें इस बात से बेहद खुश है कि दंपति ने अपने मतभेद सुलझा कर साथ में रहना तय किया है। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि हमारे मन में डाक्टरों के प्रति बेहद सम्मान है क्योंकि वे कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए अपने परिवार व निजी जीवन की चिंता किए बगैर दिन रात काम कर रहे हैं। इस दौरान वकील ने मामला रद्द करने के विषय में आपत्ति जाहिर करने की कोशिश की तो खंडपीठ ने वकील से कहा कि क्या आपने यह नहीं सुना है कि ‘जब मिया बीवी राजी तो क्या करेगा काजी’। इसके बाद खंडपीठ ने मामले से जुड़ी एफआईआर को रद्द कर दिया।

 

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