शीघ्र ही शहर के सभी थानों में बनेगा महिला कक्ष

शीघ्र ही शहर के सभी थानों में बनेगा महिला कक्ष

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-22 09:42 GMT
शीघ्र ही शहर के सभी थानों में बनेगा महिला कक्ष

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। शहर पुलिस आयुक्तालय की ओर से प्रत्येक थानों में महिलाओं के लिए महिला कक्ष तैयार किया जाएगा। जल्द ही शहर के सभी थानों में महिला कक्ष और विश्रामगृह तैयार होंगे। यह बात पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय ने कही। पुलिस आयुक्त ने कहा कि महिला कर्मचारियों के सामने कईं समस्याएं होती हैं। अलग से कक्ष बन जाने पर उनकी कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। यहां थानों में आने वाली पीड़िता से भी वे बातचीत कर सकेंगी। वे सीताबर्डी थाना परिसर में बनाए गए पहले महिला अधिकारी कक्ष के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।

डॉ. उपाध्याय ने कहा कि जिस समय हम पुलिस विभाग में आए, उस समय की स्थितियां  काफी कमजोर थी। अधिकारियों को बैठने के लिए जगह नहीं होती थी। बंदोबस्त के लिए आए जवानों को जगह नहीं मिल पाती थी। अब शहरों में स्थितियां बदल चुकी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं थी। इस परिस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने प्रत्येक पुलिस थाने में महिलाओं के लिए अधिकारी कक्ष और  पुरुषों के लिए विश्रामगृह तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहला महिला अधिकारी कक्ष सीताबर्डी थाने में तैयार किया गया है। शेष  सभी पुलिस थानों में आगामी एक वर्ष में इस तरह के कक्ष तैयार किए जाएंगे।

प्रस्तावना रखते हुए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक हेमंतकुमार खराबे ने कहा कि महिलाओं के लिए अलग से कक्ष नहीं होने के कारण उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। पुरुषों के सामने थाने में आने वाली पीड़िताओं से खुलकर पूछताछ करने में भी परेशानी होती थी। कई बार पीड़िता थाने में पुरुषों के सामने खुलकर नहीं बाेल पाती थीं। उन्हें अपनी बातें कहने में हिचक महसूस होती थी। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के लिए महिला अधिकारी कक्ष तैयार किया गया है। इस अवसर पर सहपुलिस आयुक्त रवींद्र कदम, मेट्रो के महाप्रबंधक अनिल कोकाटे, अपर पुलिस आयुक्त बी. जी. गायकर, पुलिस उपायुक्त निलेश भरणे, विवेक मसाल, चिन्मय पंडित, राहुल माकणीकर, अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त संभाजी कदम आदि सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। 

इसलिए बनाने  की जरूरत  
शहर के थानों में कई पीड़ित महिलाएं आने के बाद वहां पर पुरुषों की मौजूदगी में कई बातें खुलकर नहीं बता पाती थीं। इससे उन पर अत्याचार करने वाले आरोपी कई बार बच निकलते थे। अब महिला अधिकारी कक्ष बन जाने से वहां पर पीड़िता से महिला अधिकारी- कर्मचारी किसी भी मामले में पूछताछ कर सकेगी और पीड़िता भी बेहिचक इस कमरे में आपबीती सुना सकेगी। शहर के हर थाने में इस तरह के महिला कक्ष की सुविधा होगी। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक खराबे ने महिलाओं की इस समस्या को दूर करने के लिए सबसे पहले महिला अधिकारी कक्ष बनाने की पहल की है। 
 

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