डोनाल्ड ट्रंप की WTO को धमकी- शर्तें नहीं मानी तो अमेरिका हो जाएगा बाहर

डोनाल्ड ट्रंप की WTO को धमकी- शर्तें नहीं मानी तो अमेरिका हो जाएगा बाहर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-31 17:37 GMT
डोनाल्ड ट्रंप की WTO को धमकी- शर्तें नहीं मानी तो अमेरिका हो जाएगा बाहर
हाईलाइट
  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को धमकी दी है।
  • ट्रंप के इस बयान के बाद दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।
  • ट्रंप ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन अगर शर्तों पर खरा नहीं उतरता है तो वह उससे अलग हो सकता है।

डिजिटल डेस्क वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को धमकी दी है। ट्रंप ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन अगर शर्तों पर खरा नहीं उतरता है तो अमेरिका उससे अलग हो सकता है। ट्रंप की ये धमकी ऐसे समय में आयी है जब अमेरिका कई मोर्चों पर ट्रेड वॉर जैसी स्थितियों में उलझा हुआ है। इसमें सबसे अहम चीन के साथ चल रहा ट्रेड वॉर है। ट्रंप के इस बयान के बाद दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।

"ब्‍लूमबर्ग न्‍यूज" को दिए इंटरव्‍यू में अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने आरोप लगाया कि इस ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन का रवैया अमेरिका के प्रति ठीक नहीं है और अगर वह इसे नहीं बदलता है तो उनका देश इससे बाहर निकल जाएगा। ट्रंप ने कहा, "हमने उनके (WTO) लिए काफी कुछ किया है। मुझे नहीं पता कि हम लोग इसमें क्यों हैं। मुझे ऐसा लगता है कि WTO को सिर्फ इसलिए बनाया गया था, ताकि अमेरिका को बर्बाद कर सकें।"

ट्रंप ने कहा, "अमेरिका ने शायद ही वहां कभी कोई मुकदमा जीता है। हालांकि चीजें पिछले साल से बदलनी शुरू हुई हैं। "आपको मालूम है क्यों? क्योंकि उन्हें पता है कि अगर हम नहीं जीतते हैं तो हम वहां से बाहर निकल जाएंगे।"

ये कोई पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने WTO पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने के आरोप लगाए हो। 2017 में ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा था, "WTO को सभी को लाभ पहुंचाने के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन हम WTO में लगभग सभी मुकदमे हार जाते हैं।" हालांकि कुछ विश्लेषणों के मुताबिक अमेरिका WTO में तब 90 प्रतिशत केस जीत जाता है, जब वह शिकायतकर्ता होता है। लेकिन जब उसके खिलाफ शिकायत होती है तो वह इतने ही प्रतिशत केस हार जाता है। बता दें कि 1995 में WTO की स्थापना की गई थी और यह उन संस्थानों में से एक है जिन्हें वैश्विक व्यवस्था बनाए रखने के लिए गठित किया गया है और इसमें अमेरिका ने मदद की थी।

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