नागालैंड में 6 महीने और बढ़ा AFSPA, अशांत और खतरनाक स्थिति को देखते हुए फैसला

नागालैंड में 6 महीने और बढ़ा AFSPA, अशांत और खतरनाक स्थिति को देखते हुए फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-30 11:40 GMT
नागालैंड में 6 महीने और बढ़ा AFSPA, अशांत और खतरनाक स्थिति को देखते हुए फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने सोमवार को पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (AFSPA) की अवधि को छह महीने बढ़ा दिया। ये जून-2020 के अंत तक लागू रहेगा। गृह मंत्रालय ने नागालैंड को AFSPA की धारा 3 के तहत "अशांत और खतरनाक" स्थिति में बताते हुए सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह अवधि बढ़ाई है।

AFSPA सुरक्षाबलों को कहीं भी ऑपरेशन चलाने और पूर्व सूचना के बिना किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। यह नागालैंड में कई दशकों से लागू है। पहले भी आतंकवादी गतिविधियों और आंतरिक विरोध के चलते नागालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। सुरक्षा बलों के इन विशेषाधिकारों को देखते हुए उत्तर-पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न संगठनों की तरफ से इस कानून को वापस लिए जाने की मांग होती रही है।

नागालैंड से AFSPA हटाने के लिए तीन अगस्त 2015 को वहां के एक विद्रोही संगठन एनएससीएन-आईएम और केंद्र सरकार के बीच समझौते के एक प्रारूप (फ्रेमवर्क एग्रीमेंट) पर सहमति बनी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उस समझौते पर इस विद्रोही संगठन के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा जबकि केंद्र सरकार की तरफ से वार्ताकार आरएन रवि ने दस्तखत उस पर दस्तखत किए थे। लेकिन फिलहाल वहां इस कानून को हटाने की दिशा में सरकार बढ़ नहीं पाई है।

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