राष्ट्रवाद के इस्तेमाल से परहेज करें, यह हिटलर, नाजीवाद का संकेत देता है : भागवत

राष्ट्रवाद के इस्तेमाल से परहेज करें, यह हिटलर, नाजीवाद का संकेत देता है : भागवत

IANS News
Update: 2020-02-21 07:58 GMT
राष्ट्रवाद के इस्तेमाल से परहेज करें, यह हिटलर, नाजीवाद का संकेत देता है : भागवत
हाईलाइट
  • राष्ट्रवाद के इस्तेमाल से परहेज करें
  • यह हिटलर
  • नाजीवाद का संकेत देता है : भागवत

रांची, 20 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि लोगों को राष्ट्रवाद शब्द के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए। यह हिटलर व नाजीवाद का संकेत देता है।

भागवत ने रांची में आरएसएस के कार्यक्रम में कहा, राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं करें। राष्ट्रीय, राष्ट्रीयता, राष्ट्र का इस्तेमाल करें। राष्ट्रवाद अर्थ हिटलर, नाजीवाद और फासिज्म है। संघ का उद्देश्य देशभक्ति व हिंदुत्व की भावना को बढ़ावा देना है।

भागवत यहां आरएसएस के पांच दिवसीय कार्यक्रम के लिए हैं।

उन्होंने कहा, संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करने के अलावा कुछ नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि संघ देश की संघीय व्यवस्था में हस्तक्षेप करता है। स्वयंसेवक अपने उद्देश्य के लिए समर्पित हैं। हमें अपने देश की संस्कृति पर गर्व है। हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कार्य करना होगा। हमें भारत को विश्व गुरु बनाना है।

उन्होंने कहा, संघ खुद को बड़ा नहीं बनाना चाहता और ऐसा ही भारत के साथ भी है। बहुत से देश जो बहुत बड़े हो गए अपने पतन को प्राप्त हुए। आज दुनिया के सुपरपॉवर देश दुनिया के संसाधनों का खुद के लिए इस्तेमाल करते हैं और अपनी इच्छाएं दूसरे देशों पर थोपना चाहते हैं। विद्वानों का मानना है कि किसी देश का बड़ा हो जाना दुनिया के लिए सही नहीं है।

भागवत ने कहा, भारत जब भी बड़ा बना तो दुनिया का हित ही किया। आज दुनिया को हमारी जरूरत है। संघ के भाषणों से ही भारत विश्व गुरु बनेगा, ऐसा नहीं है। राष्ट्र निर्माण के कार्य के लिए कोई आपका आभार प्रकट नहीं करेगा। देश हमें सब कुछ देता है, हमें भी देश को देना सीखना होगा।

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