कलेक्टर ने अपने ड्राइवर को दी खास विदाई, खुद कार चलाकर छोड़ने गए घर
कलेक्टर ने अपने ड्राइवर को दी खास विदाई, खुद कार चलाकर छोड़ने गए घर
डिजिटल डेस्क, पटना। सरकार में बड़े-बड़े पदों पर बैठे अधिकारी अक्सर अपने सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी अधिकारी होते हैं जो अपनी दरियादिली से सबका दिल जीत लेते हैं। ऐसे ही एक हैं बिहार के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) उदय कुमार सिंह, जिन्होंने अपने ड्राइवर को रिटायरमेंट के दिन अनूठे अंदाज में बधाई दी। दरअसल, रविवार को कलेक्टर उदय कुमार सिंह के ड्राइवर संपत राम रिटायर हो गए। इस मौके पर कलेक्ट्रेट में खास कार्यक्रम भी रखा गया और इसके बाद खुद कलेक्टर ने अपनी कार चलाई और ड्राइवर संपत राम को पिछली सीट पर बैठाकर घर छोड़ा। बता दें कि इसी दिन ड्राइवर संपत राम के साथ कलेक्ट्रेट का एक और कर्मचारी भी रिटायर हुआ था।
कलेक्टर ने पकड़ा कार का स्टेयरिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार के मुंगेर के कलेक्टर उदय कुमार सिंह ने अपने ऑफिस के दोनों कर्मचारियों के लिए एक खास तरह का कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम में उन्होंने ड्राइवर संपत राम और एक अन्य कर्मचारी परमेश्वर कुमार को चेक भी दिया। इसके बाद कलेक्टर ने अपने ड्राइवर से कहा कि "आज हम तुम्हारे ड्राइवर बनते हैं और तुम हमारी सीट पर बैठो। हम ड्राइवर बनकर तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ेंगे।" इसके बाद कलेक्टर ने खुद कार चलाई और ड्राइवर संपत राम को उनके घर तक छोड़ा।
आंखों में आ गए आंसू
संपत राम ने मीडिया को बातचीत में बताया कि "कार्यक्रम के बाद मैं घर जा रहा था। तभी कलेक्टर साहब ने मुझे गाड़ी पर चलने के लिए कहा। जैसे ही मैंने अपनी सीट पर बैठने के लिए गेट खोला तो उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा कि आज गाड़ी तुम नहीं, मैं चलाऊंगा। तुम पिछली सीट पर बैठो।मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैंने उन्हें गाड़ी की चाबी दे दी।" ड्राइवर संपत राम ने आगे बताया कि "कलेक्टर साहब ने गाड़ी का लॉक खोला और मुझे पीछे बैठने को कहा। इतना सम्मान मुझे आजतक नहीं मिला। साहब को गाड़ी चलाते देख मेरे आंसू आ गए।"
34 साल से कलेक्ट्रेट में ड्राइवर हैं संपत राम
1983 में संपत राम कलेक्ट्रेट में ड्राइवर के रूप में अपॉइंट किए गए थे। इसके बाद पहले उन्हें लखीसराय और फिर चकाई में भेजा गया। आखिर में संपत राम मुंगेर कलेक्ट्रेट में ड्राइवर के रूप में काम करते आ रहे थे। संपत राम ने 34 साल से ज्यादा समय तक कलेक्ट्रेट में ड्राइवर का काम किया है और 31 दिसंबर को उनका रिटायरमेंट हुआ।
ये सब मेरी आत्मा की आवाज थी
कलेक्टर उदय राम सिंह ने कहा कि "ड्राइवर के सेवा भाव से लगा कि जो व्यक्ति हमारे यहां सालों से सेवा दे रहा है, आज वो रिटायर हो रहा है। मैं अपने ड्राइवर संपत राम को बताए बिना कई दिनों से उसके लिए विदाई समारोह की तैयारी कर रहा था।" उन्होंने बताया कि "ये कोई आइडिया नहीं था, बल्कि मेरी आत्मा की आवाज थी। मैंने सोचा जिसने इतने दिनों तक हमारी सेवा की, आज उसकी सेवा की जाए।"