ओडिशा : ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का पहला सफल परीक्षण

ओडिशा : ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का पहला सफल परीक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-21 10:05 GMT
ओडिशा : ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का पहला सफल परीक्षण
हाईलाइट
  • ब्रह्मोस भारत का ऐसा पहला मिसाइल है
  • जिसका जीवनकाल 10 से 15 वर्षों तक बढ़ाया गया है।
  • भारत और रूस की साझेदारी से तैयार यह मिसाइल कई नई तकनीकों से लैस है।
  • इन मिसाइलों में खासियत ये है कि इसे चलाने के बाद यह खुद-ब-खुद ऊपर और नीचे की उड़ान भरकर जमीन के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
  • भारत ने सोमवार ( 21 मई ) को ओडिशा तट पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
  • भारतीय सेना में ब्रह्मोस के ज

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। भारत ने सोमवार ( 21 मई ) को ओडिशा तट पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारत और रूस की साझेदारी से तैयार यह मिसाइल कई नई तकनीकों से लैस है। यह ब्रह्मोस के जीवन काल को 10 से 15 साल तक बढ़ाने के लिए पहला सफल परीक्षण किया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( DRDO ) के अधिकारी ने बताया कि, मिसाइल का परीक्षण चांदीपुरा के एकीकृत परीक्षण केंद्र ( ITR ) के लांच पैड 3 से सुबह करीब 10:40 बजे मोबाइल लॉन्चर स्टेशन से किया गया है।

 

 

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रह्मोस मिसाइल की नई तकनीक के साथ सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए DRDO के वैज्ञानिकों और टीम ब्रह्मोस को बधाई दी है। रक्षामंत्री ने ट्वीट किया है, इस सफल परीक्षण से भारतीय सशस्त्र बलों के बेड़े में शामिल मिसाइलों के प्रतिस्थापन लागत में काफी कमी आएगी।

 

 

भारतीय सेना पहले ही ब्रह्मोस के तीन रेजिमेंट्स को अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। सभी मिसाइल ब्लॉक-3 संस्करण से लैस हैं। इसके जरिए भारत में पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल के जीवनकाल में बढ़ोत्तरी करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित हुई।

 

 

यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस भारत का ऐसा पहला मिसाइल है, जिसका जीवनकाल 10 से 15 वर्षों तक बढ़ाया गया है। भारतीय सेना में ब्रह्मोस के जमीनी हमला करने वाला संस्करण 2007 से इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

 

इन मिसाइलों में खासियत ये है कि इसे चलाने के बाद यह खुद-ब-खुद ऊपर और नीचे की उड़ान भरकर जमीन के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। इस तरह यह दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों से बच निकलती है। 

 

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