पंचकूला कोर्ट में हनीप्रीत समेत 15 की सुनवाई, तय नहीं हो सके आरोप

पंचकूला कोर्ट में हनीप्रीत समेत 15 की सुनवाई, तय नहीं हो सके आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 02:52 GMT
पंचकूला कोर्ट में हनीप्रीत समेत 15 की सुनवाई, तय नहीं हो सके आरोप

डिजिटल डेस्क, पंचकूला। पंचकूला हिंसा में देशद्रोह का मामला झेल रही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत इंसा की पंचकूला कोर्ट में  पेश हुई। हनीप्रीत समेत 15 अन्य आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर कोर्ट में सुनवाई हुई। सुबह करीब 10 बजे हनीप्रीत का चेहरा ढांककर कोर्ट लाया गया, लेकिन पुलिस की चार्जशीट अधूरी होने के कारण आरोपियों पर आरोप तय नहीं हो सके। अब 19 जनवरी को चालान पर सुनवाई होगी। वहीं 21 फरवरी को चार्ज फ्रेम करने पर बहस होगी। पंचकूला दंगों की पड़ताल में जुटी हरियाणा पुलिस ने 28 नवंबर को हनीप्रीत समेत 15 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पिछली सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को इसकी कॉपी सौंप दी गई थी। इस चार्जशीट में सभी आरोपियों को पंचकूला में दंगों और हिंसा की घटना के लिए आरोपी बनाया गया है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

 

 

ये भी है आरोपी

सुनवाई से पहले माना जा रहा था कि हरियाणा पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट में जो धाराएं लगाई गई है उनका अगर बचाव पक्ष के वकील विरोध नहीं करते हैं तो अदालत इस मामले में आरोप भी तय कर सकती है। हिंसा फैलाने वालों में हनीप्रीत के अलावा आदित्य इंसा, पवन इंसा, सुरेंद्र धीमान, दिलावर इंसा, दान सिंह, चमकौर सिंह और गोविंद राम का नाम भी शामिल है। इन आरोपियों में आदित्य इंसा और महेंद्र इंसा अब तक फरार है।

 

 

1200 पन्नों की चार्जशीट

पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ 1200 पन्नों की चार्जशीट दखिल की है। चार्जशीट में मुख्य अभियुक्त हनीप्रीत को बनाया गया है। हनीप्रीत पर राष्ट्र के खिलाफ जंग छेड़ने की धारा 121 यानी देशद्रोह और 121A, 121B आपराधिक वारदातों को अंजाम देने की साजिश रचने जैसी धारओं के तहत केस दर्ज किया गया है। हरियाणा पुलिस का दवा है कि  डेरा सच्चा सौदा के हेडक्वॉर्टर में एक सीक्रेट मीटिंग में पंचकूला हिंसा की साजिश रची गई थी। इस चार्जशीट में कुल 67 लोगों को गवाह बनाया गया है। जिनमें से ज़्यादातर पुलिस के लोग हैं।

 

 

रिमांड में कबूला था जुर्म

मालूम हो कि पुलिस की ओर से लिए गए 9 दिन के रिमांड में हनीप्रीत ने दंगों में उसका हाथ होने की बात कबूली थी। इसके अलावा पुलिस को हनीप्रीत से मोबाइल, लैपटॉप, डायरी और कई अहम दस्तावेज मिले थे। 4 अक्टूबर को दंगों के 39 दिन बाद अरेस्ट की गई हनीप्रीत को पुलिस ने दो बार में 9 दिन के रिमांड पर लिया था। 13 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे साथी सुखदीप कौर के साथ अंबाला जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

 

 

हनीप्रीत थी हिंसा की मास्टरमाइंड

गौरतलब है कि पंचकूला में डेरा प्रमुख राम रहीम को साध्वी रेप मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनके कथित समर्थकों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए गए थे। पंचकूला में 25 अगस्त को हुई हिंसा में 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। इस दौरान 100 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था। हनीप्रीत को इस पूरी हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया था।

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