कश्मीर की ऑटोनामी के पक्ष में चिदंबरम, स्मृति बोलीं- देश के टुकड़े करना चाहते हैं कांग्रेसी

कश्मीर की ऑटोनामी के पक्ष में चिदंबरम, स्मृति बोलीं- देश के टुकड़े करना चाहते हैं कांग्रेसी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-28 17:07 GMT
कश्मीर की ऑटोनामी के पक्ष में चिदंबरम, स्मृति बोलीं- देश के टुकड़े करना चाहते हैं कांग्रेसी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम द्वारा कश्मीर में "आजादी" के नारों को ऑटोनामी की मांग बताए जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार किया है। ईरानी ने उनके बयान को देश को तोड़ने वाला बताया है। ईरानी ने कहा है चिदंबरम के इस बयान से हमें इस संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस की सोच का भी पता चलता है। बता दें कि गुजरता के राजकोट में एक कार्यक्रम के दौरान पी चिदंबरम ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात करने पर पता चलता है कि आजादी की मांग करने वाले कश्मीर के लोग वास्तव में ऑटोनामी चाहते हैं। उन्होंने कहा था, "कश्मीर के कुछ इलाकों को ऑटोनामी दिए जाने की जरूरत है।"

 

बांटने वाला है चिदंबरम का बयान

स्मृति ईरानी ने कहा, "चिदंबरम का बयान देश को टुकड़ों में बांटने वाला है। हालांकि, मुझे उनकी बात पर हैरानी नहीं हुई। उनके बयान से उनकी और कांग्रेस की इस मुद्दे पर मानसिकता का पता चलता है। वे राजनीतिक लाभ के लिए भारत को टुकड़ों में बांट देने के समर्थक हैं।" ईरानी ने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियत भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्हें किसी तरह अलग नहीं किया जा सकता।  

 

स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही राष्ट्रीय हित पर राजनीतिक लाभों को ज्यादा महत्व देती आई है। चिदंबरम के बयान से यह बात एक बार फिर साबित हो गई। केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया, "इस मुद्दे पर ऐसे बयान दे कर आखिर कांग्रेस क्या संदेश देना चाहती है। क्या वे लोगों को यह बताना चाहते हैं कि वे राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रीयता का कभी भी बलिदान कर सकते हैं? उन्हें ऐसा करने की भी जरूरत नहीं है। लोग यह पहले से जानते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि चिदंबरम से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाधी ने जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत के टुकड़े होने की बात कहने वाले लोगों का समर्थन किया था।

 

ऐसा क्या कहा जिस पर भड़कीं ईरानी

पी. चिदंबरम ने गुजरात के राजकोट में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "जब मैंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि वहां आजादी की मांग करने वाले वास्तव में ऑटोनामी चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों को ताकत देने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों को स्वायत्तता दिए जाने के अच्छे नतीजे आ सकते हैं। क्षेत्रीय स्वायत्तता दिए जाने का यह अर्थ नहीं है कि वे भारत से अलग हो जाएंगे।"

 
चिदंबरम ने कहा, "घाटी में अमन चैन का माहौल कायम करने के लिए हमें जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना होगा। घाटी के लोगों की भावनाओं की अनदेखी करते हुए हम किसी समाधान पर नहीं पहुंच सकते।" पी. चिदंबरम ने कहा कि घाटी में अमन-चैन परस्पर विश्वास के आधार पर ही लौटाया जा सकता है। 
 

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