कांग्रेस का नया प्रयोग: लोकसभा चुनाव से पहले होगी दो प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति !
कांग्रेस का नया प्रयोग: लोकसभा चुनाव से पहले होगी दो प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति !
- उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का नया प्रयोग
- जल्द हो सकता है दो नए प्रदेश अध्यक्षों के नाम का ऐलान
- लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का नया दांव
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। प्रियंका गांधी की राजनीति में वापसी के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में नया प्रयोग करने जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए अलग-अलग अध्यक्ष नियुक्त करेगी। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी इनके नामों का ऐलान जल्द ही कर सकती है, हाल ही में प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश महासचिव बनाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष यूपी में संगठन को माइक्रो लेवल पर बांटकर उसकी सीधी निगरानी करना चाहते हैं ताकि अगले विधानसभा चुनाव तक पार्टी पर लगा ये धब्बा हट जाए कि यूपी में उसका संगठन नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बीते दिनों रायबरेली में अपनी मंशा जता दी है कि अगले विधानसभा चुनाव में वे यूपी में कांग्रेस की सरकार चाहते हैं। पार्टी संगठनात्मक ढांचे को मजबूती देने के लिए ये दिल्ली की तर्ज पर एक वरिष्ठ नेता को अध्यक्ष बनाकर उसके नीचे चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाने का विचार कर सकती है।
बता दें कि यूपी के जातीय समीकरण को साधने के लिए कांग्रेस राज्य के हर उस चेहरे को सामने लाना चाहती है जिसके समाज में संदेश जाए। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर को बदला जाना इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं को सामने लाया जाना है। छत्तीसगढ़ के प्रभारी और दलित वर्ग के पीएल पुनिया पार्टी नेतृत्व से यूपी लौटने की बात कह चुके हैं ऐसे में पुनिया की नई भूमिका तय होनी है।
कांग्रेस के फाॅर्मूले
कांग्रेस अध्यक्ष उत्तर प्रदेश में दो फॉर्मूले पर काम कर सकती है। पहले फॉर्मूले के मुताबिक राज्य में दो प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे जो अलग-अलग प्रदेश प्रभारियों के साथ काम संभालेंगे। इनके नीचे सेक्रेटरी और अन्य टीम रहेगी। जबकि दूसरे फॉर्मूले में एक अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष, आठ सचिव हो सकते हैं। इनमें चार पश्चिमी उत्तरप्रदेश और चार पूर्वी उत्तरप्रदेश में रहेंगे।