S-400 मिसाइल: अमेरिका की आपत्ति के बावजूद रूस से डील करेगा भारत!

S-400 मिसाइल: अमेरिका की आपत्ति के बावजूद रूस से डील करेगा भारत!

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-02 16:56 GMT
S-400 मिसाइल: अमेरिका की आपत्ति के बावजूद रूस से डील करेगा भारत!
हाईलाइट
  • भारत रूस के साथ एक नई डील करने जा रहा है।
  • भारत रूस से S-400 ट्रायंफ हवाई रक्षा मिसाइल खरीदने को लेकर बात कर रहा है।
  • यह दोनों देशों के बीच एक डिफेंस डील होगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के साथ भारत एक नई डील करने जा रहा है। यह दोनों देशों के बीच एक डिफेंस डील होगी। भारत रूस से S-400 ट्रायंफ हवाई रक्षा मिसाइल खरीदने को लेकर बात कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस डील पर अमेरिका को आपत्ति है। सूत्रों के अनुसार भारत आगामी "2+2 वार्ता" के दौरान अमेरिका को इसकी जानकारी दे सकता है। भारत और रूस की यह डील 40,000 करोड़ रुपए की बतायी जा रही है।

सुत्रों के अनुसार भारत रूस के साथ S-400 मिसाइल सौदे को लेकर लगभग सभी बातें कर चुका है। हालांकि अमेरिका को इससे अवगत कराया जाना अभी बाकी है। "2+2 वार्ता" में भारत इस सौदे से अमेरिका को अवगत कराकर इस सौदे की छूट की मांग कर सकता है। इसके लिए अमेरिका को भारत अपना डिफेंस सिस्टम मजबूत करने का हवाला दे सकता है।

सूत्रों के अनुसार, भारत और रूस इस डील की घोषणा अक्टूबर में होने वाले द्विपक्षीय वार्षिक वार्ता के दौरान कर देंगे। इस वार्ता में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन हिस्सा लेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत S-400 मिसाइल का इस्तेमाल चीन के साथवाले बॉर्डरों को सुरक्षित करने के लिए करना चाहता है। चीन पहले से ही इस अत्याधुनिक मिसाइल से लैस है। चीन ने 2014 में रूस के साथ इस मिसाइल को लेकर डील की थी।

इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रूस से किसी भी प्रकार का आर्म्स डील करे। रूस के खिलाफ अमेरिका पहले से ही काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (CAATSA) जैसा सख्त कानून लगा चुका है। यह कानून क्रीमिया पर किए गए कब्जे और 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस के कथित तौर पर किए गए दखल को लेकर है। CAATSA के तहत अमेरिकी प्रशासन को रूस के साथ डिफेंस या इसके अलावा कोई भी खुफिया डील करने वाले देश और संस्था पर दंडित करने का अधिकार है।

गौरतलब है कि भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से चुनौतियों का समाधान करने को लेकर 2+2 वार्ता के लिए तत्पर है। 6 सितंबर से शुरू हो रहे इस दौरे से भारत और अमेरिका को सिक्यूरिटी, आतंकवाद से मुकाबला और डिफेंस क्षेत्र में काफी फायदा होगा। इस ऐलान के बाद एशियाई मामलों के डिप्टी असिस्टेंट एलिस वेल्स ने कहा था कि आगामी भारत-यूएस 2+2 वार्ता दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में कार्य करेगी।

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