देश की पहली ट्रांसजेंडर को पुलिस डिर्पाटमेंट में मिला कॉन्स्टेबल का पद

देश की पहली ट्रांसजेंडर को पुलिस डिर्पाटमेंट में मिला कॉन्स्टेबल का पद

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-14 06:15 GMT
देश की पहली ट्रांसजेंडर को पुलिस डिर्पाटमेंट में मिला कॉन्स्टेबल का पद

डिजिटल डेस्क, जोधपुर। अपनी पहचान और समाज में इज्जत पाने की लड़ाई में किन्नरों को अब एक राह मिलती नजर आ रही है। अब से समाज के इस वर्ग का भी योगदान पुलिस डिर्पाटमेंट को होगा। दरअसल राजस्थान के जालौर की रहने वाली 24 वर्षीय गंगा कुमारी राज्य की पहली ऐसी किन्नर हैं, जो पुलिस कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्त हुई हैं। गंगा के लंबे संघर्ष के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था जिसके बाद उनकी नियुक्ति हो गई। 

यहां तक का सफर गंगा कुमारी के लिए आसान नहीं था। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में दो साल तक केस लड़ा, तब जाकर इस सफलता का स्वाद वो चख पाई हैं। सोमवार कोर्ट ने विभाग को आदेश दिया कि गंगा कुमारी को कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्त किया जाए। जिसके अगले ही दिन यानि आज गंगा ने पुलिस फोर्स को जॉइन कर लिया है। 

 

गौरतलब है कि पुलिस डिपार्टमेंट ने उनके जेंडर के कारण उन्हें नौकरी देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस दिनेश मेहता ने इस मामले को "लैंगिक भेदभाव" बताते हुए विभाग को आदेश दिया था कि वो छह हफ्ते के अंदर ही गंगा की नियुक्ति कर दें। जालौर जिले के रानीवारा इलाके की रहने वाली गंगा ने वर्ष 2013 में पुलिस परीक्षा पास की थी। हालांकि, मेडिकल जांच के बाद उनकी नियुक्ति को रोक दिया गया था। जांच में पता चला कि गंगा कुमारी किन्नर हैं। इसके बाद गंगा कुमारी ने हाईकोर्ट की शरण ली और दो साल के संघर्ष के बाद उन्हें सफलता मिली। 

 

कोच्चि मेट्रो ने दी 23 किन्नरों को नौकरी


कोच्चि मेट्रो ने तीसरे जेंडर को समानता का दर्जा देते हुए एक प्रश्सनीय पहल की। कोच्चि मेट्रो में 23 ट्रांसजेंडर को अलग-अलग पदों पर भर्ती किया गया है। हाउस कीपिंग डिपार्टमेंट से लेकर टिकट काउंटर तक ये लोग काम करते देखे जा सकते हैं। कोच्चि मेट्रों ने सबसे पहले देश में यह पहल की थी। 
 

 

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