अब नासिक बना नवजातों के लिए कब्रगाह, 1 महीने में 55 बच्चों की मौत

अब नासिक बना नवजातों के लिए कब्रगाह, 1 महीने में 55 बच्चों की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-09 03:07 GMT
अब नासिक बना नवजातों के लिए कब्रगाह, 1 महीने में 55 बच्चों की मौत

डिजिटल डेस्क,मुंबई। अस्पतालों में नवजातों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले गोरखपुर, फिर फर्रुखाबाद और अब महाराष्ट्र का नासिक। नासिक के जिला अस्पताल में अगस्त महीने में 55 बच्चों की मौत हो गई। इतना ही नहीं, बीते 5 महीने में यहां 187 बच्चों की मौत हो चुकी है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नासिक जिले के जिला अस्पताल में अगस्त महीने में 350 बच्चों को इलाज के लिए यहां भर्ती कराया गया था लेकिन इनमें से 55 बच्चों की मौत हो गई। सिर्फ यही नहीं, बल्कि पिछले 5 महीनों में कुल 187 बच्चों की मौत हो चुकी है। ये हम नहीं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं। बच्चों के घरवालों का आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी चिकित्सा सामान नहीं होने की वजह से बच्चों की मौत हो जाती है। 

सामाजिक कार्यकर्ता एजाज पठान ने इस मामले का खुलासा करते हुआ बताया है कि नासिक के जिला अस्पताल में छोटे बच्चों के लिए जो वेंटिलेटर मशीन नहीं है। कुपोषित इलाकों से जो बच्चे आते हैं, उनकी व्यवस्था नासिक शहर में कहीं नहीं होती।

विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग 
वही विपक्ष ने इस घटना के बाद सरकार को आड़े हाथ लिया है। विपक्ष बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग पर अड़ गया है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि करोड़ों रुपए अपने प्रचार पर मोदी सरकार खर्च करती है। लेकिन बच्चों को बुनियादी चिकित्सा सुविधा की तरफ कोई ध्यान नहीं है। वहीं एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि इन बच्चों की मौत के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है और स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

बच्चों की कमजोरी बनी मौत का कारण : सरकार 
वहीं बच्चों की मौत के मामले में अस्पताल से लेकर सरकार तक दावा कर रही है कि जिन बच्चों की मौत हुई है, वो पहले से ही काफी कमजोर थे और उन्हें दूसरे अस्पताल से यहां लाया गया था। अस्पताल में चिकित्सा के पर्याप्त साधन होने का दावा भी सरकार कर रही है। वहीं नासिक जिला अस्पताल के सर्जन डॉ.विनोद जगदाले के कहा कि, बच्चे कमजोर अवस्था में यहां लाए गए थे, हमने बचाने की कोशिश की पर उनकी हालत इतनी खराब थी कि उनकों बचाया नहीं जा सका। साथ ही इस्तीफे की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री दीपक ने कहा की विपक्ष का काम है इस्तीफा मांगने का, लेकिन सरकार स्वास्थ्य विभाग में बहुत अच्छा काम कर रही है।
 

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