गुरुदासपुर उप-चुनाव : भाजपा की हार के ये पांच कारण

गुरुदासपुर उप-चुनाव : भाजपा की हार के ये पांच कारण

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-15 15:03 GMT
गुरुदासपुर उप-चुनाव : भाजपा की हार के ये पांच कारण

डिजिटल डेस्क, गुरदासपुर। पंजाब के गुरदासपुर उप-चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए बहुत बड़े झटके की तरह हैं। भाजपा सांसद विनोद खन्ना की मौत के बाद खाली हुई इस सीट पर हुए उप-चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ ने 1,93,219 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। इस उप-चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ को 4,99,752 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी सलारिया के पक्ष में 3,06,533 लोगों ने मतदान किया। आम आदमी पार्टी के मेजर जनरल (रिटायर्ड) सुरेश खजूरिया 23579 मतों के साथ तीसरे स्थान पर आए। 

परंपरागत सीट पर हार के मायने

इस सीट पर भाजपा की हार इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीट परंपरागत रूप से भाजपा की सीट मानी जाती रही है। भाजपा इस सीट पर अपनी जीत तय मान कर चल रही थी। चुनाव परिणामों ने भाजपा रणनीतिकारों को मायूस कर दिया है। सन 1998 में इस सीट पर विनोद खन्ना भाजपा सांसद के रूप में जीते थे। इसके बाद से यह सीट लगातार भाजपा के पास ही रही है। सन 2009 में जरूर इस सीट पर कांग्रेस प्रताप सिंह बाजवा जीतने में सफल रहे थे, लेकिन भाजपा ने अपनी यह सीट 2014 के चुनाव में एक बार फिर से छीन ली थी। 

कांग्रेस खेमे में उत्साह का आलम

कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ की जीत को कांग्रेस खेमे में जश्न की तरह लिया जा रहा है। यह सीट काफी दिनों बाद उसके खाते में आई है। सन 1996 तक यह सीट कांग्रेस की सीट मानी जाती रही है। लेकिन सन 1998 में हुए चुनाव में विनोद खन्ना के रूप में भाजपा ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से यह सीट लगातार भाजपा के पास ही रही। सन 2009 में प्रताप सिंह बाजवा ने विनोद खन्ना को हरा कर यह सीट कांग्रेस के खाते में डाल दी थी। लेकिन 2014 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विनोद खन्ना ने इस सीट पर फिर से कब्जा कर लिया था। विनोद खन्ना के असामयिक निधन से खाली हुई इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी।   

सिद्धू ने जीत को दीपावली का उपहार बताया

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जाखड़ की जीत को दीपावली का उपहार बताया है। उन्होंने कहा पंजाब की जनता ने इस जीत से कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी को दीपावली का उपहार दिया है। उन्‍होंने इस दौरान अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर कड़े हमले किए। नवजोत सिंह सिद्धू कहा यह जीत जमीनी स्तर पर काम करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जीत है। उन्‍होंने कहा कांग्रेस की इस जीत से पंजाब में भाजपा और अकाली दल की कमर टूट गई है। 

मुकाबला त्रिकोणीय नहीं बना इसलिए हुई हार 

गुरूदासपुर उप-चुनाव में भाजपा उम्मीदवार स्वर्ण सुलारिया दूसरे स्थान पर रहे, जबकि आप उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। राज्य में बीस विधानसभा सीटों वाली आप ने इस सीट पर अपनीस्थिति को मजबूत करने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली। अगर आप प्रत्याशी कुछ और बेहतर प्रदर्शन करते तो मुकाबला त्रिकोणीय बन जाता, जिसका भाजपा को लाभ मिल सकता था। मुकाबला त्रिकोणीय नहीं हो पाने की वजह से भाजपा प्रत्याशी की हार हो गई। भाजपा की एक रणनीतिक कमजोरी यह भी रही कि उसने इस सीट पर विनोद खन्ना जैसी लोकप्रियता वाले किसी प्रत्याशी को नहीं उतारा। सीट पर लोकप्रिय भाजपा प्रत्याशी होता तो वह सुनील जाखड़ के लिए कठिनाइयां पैदा कर सकता था। 

यह रहीं भाजपा की हार की प्रमुख वजहें

गुरदासपुर लोकसभा सीट भाजपा का पुराना गढ़ रहा है। भाजपा रणनीतिकार अब विचार मंथन में जुट गए हैं आखिर किन वजहों से उसकी यह परंपरागत सीट काग्रेस की झोली में चली गई है। अगले सालों में लोकसभा चुनाव होने हैं। इस लिहाज से भी इस विचार किया जाना जरूरी है। भाजपा नेताओं ने प्रारंभिक रूप से हार की निम्नलिखित प्रमुख वजहें बताई हैं- 
- पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहला चुनाव था, सरकार ने पूरी ताकत लगाई। कांग्रेस को सत्ताधारी दल होने का फायदा मिला। 
- कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव लड़ा इसलिए पूरी पार्टी एकजुट होकर लड़ी। एकजुटता की वजह से पार्टी के परंपरागत मतदाताओं में विभाजन नहीं हो पाया। जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी जीत पक्की हो सकी। भाजपा का उम्मीदवार चयन सही नहीं था। चुनावों के बीच अकाली दल नेता और भाजपा उम्मीदवार पर आरोप लगने से भी स्थिति विपरीत हुई। 
- कविता खन्ना को लड़ाना सही नहीं होता, क्योंकि उन्हें बाद में उतारा जा सकता है। जीएसटी को लागू करने से आ रही दिक्कतों से व्यापारी वर्ग नाराज था।
-विनोद खन्ना को आम आदमी पार्टी के मुकाबला त्रिकोणीय बनाने से फायदा मिला था। इस बार आप उम्मीदवार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। उनकी जमानत जब्त हो गई। आप उम्मीदवार कुछ बेहतर प्रदर्शन करता तो भाजपा को इसका लाभ मिल सकता था। 

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