'मुझे देश के सैनिकों पर भरोसा है वो देश पर आने वाली हर चुनौती का सामना कर सकते हैं'- अरुण जटेली

'मुझे देश के सैनिकों पर भरोसा है वो देश पर आने वाली हर चुनौती का सामना कर सकते हैं'- अरुण जटेली

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-10 03:43 GMT
'मुझे देश के सैनिकों पर भरोसा है वो देश पर आने वाली हर चुनौती का सामना कर सकते हैं'- अरुण जटेली

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच बुधवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि भारत ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध से सबक हासिल किया है, साथ ही उन्होंने ये बात भी साफ कर दी है कि भारतीय सैनिक अब किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। राज्यसभा में भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर आयोजित विशेष सत्र की शुरुआत करते हुए जेटली ने कहा, "1962 में चीन के साथ हुए युद्ध से हमने सबक लिया है कि हमारे सुरक्षा बलों को पूरी तरह तैयार रहना होगा। तैयारियों का परिणाम हमें 1965 और 1971 में देखने को मिला। हमारी सेनाएं मजबूत होती गई हैं"।

जेटली ने कहा, "कुछ लोग हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता को तोड़ने का ख्याल अपने दिल में रखते हैं लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि हमारे बहादुर सैनिक हमारे देश को सुरक्षित रखने में सक्षम हैं, चाहे पूर्वी या पश्चिमी सीमा पर जो भी चुनौती हो"।

गौरतलब है कि 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में भारत को करारी हार झेलनी पड़ी थी, जबकि 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी। भारत और चीन के बीच जून से सिक्किम में स्थित डोकलाम को लेकर विवाद की स्थिति चल रही है और चीनी मीडिया  लगातार भारत को 1962 जैसी हालत करने की धमकी दे रहा है। 

जेटली ने कहा "इन परिस्थितियों में पूरे देश को एक साथ खडे रहना चाहिए, हम सभी देश के संस्थानों को और मजबूत कर सकते हैं और आतंकवाद के खिलाफ कैसे लड़ सकते हैं" जेटली ने कहा कि आतंकवाद देश की अखंडता के लिए बहुत बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसी आतंकवाद ने 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और 1991 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जिंदगियां छीन ली थी।
 

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