S 400 डील पर पोम्पियो से बोले जयशंकर- वही करेंगे जो देश के हित में होगा

S 400 डील पर पोम्पियो से बोले जयशंकर- वही करेंगे जो देश के हित में होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-26 13:52 GMT
S 400 डील पर पोम्पियो से बोले जयशंकर- वही करेंगे जो देश के हित में होगा
हाईलाइट
  • जयशंकर ने कहा
  • हम वही करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा
  • पोम्पियो ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की
  • मुलाकात के बाद दोनों विदेश मंत्रियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद दोनों विदेश मंत्रियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारत ने अमेरिका से कहा कि हम वही करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा। चाहे वह रूस से S 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सौदा ही क्यों न हो?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या अमेरिका के काट्सा कानून का असर भारत के रूस के साथ एस-400 सौदे पर भी पड़ेगा? जयशंकर ने कहा कि "भारत के कई देशों के साथ संबंध हैं... उनका एक इतिहास है। हम वही करेंगे जो हमारे राष्ट्रीय हित में है और उस रणनीतिक साझेदारी का एक हिस्सा दूसरे देश के राष्ट्रीय हित को समझने और उसकी सराहना करना भी है।"

जयशंकर ने कहा कि  पोम्पिओ के साथ ऊर्जा और व्यापार के साथ-साथ अफगानिस्तान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। आतंकवाद के बारे में, जयशंकर ने कहा कि उन्होंने ट्रम्प प्रशासन के मजबूत समर्थन के लिए सराहना की।

CAATSA और ईरान के मुद्दों पर पोम्पियो ने कहा, "हम यह प्रयास करेंगे कि अपने देश के लिए सुरक्षा मुहैया करा पाएं और यह भी चाहेंगे कि भारत भी ऐसा ही करने में सक्षम हो। हम दोनों मुद्दों को वास्तविक मौके के तौर पर देख रहे हैं और मैं जानता हूं कि हम साथ काम कर सकते हैं। साथ ही रिश्तों की आधारशिला रख सकते हैं।

पोम्पियो ने ईरान को "आतंक का सबसे बड़ा राज्य प्रायोजक" कहा। उन्होंने कहा भारत और अमेरिका दोनों में "खतरे" की साझा समझ है। "हम सभी जानते हैं कि ईरान दुनिया का सबसे बड़ा आतंक का प्रायोजक है और भारतीय लोग दुनिया भर में आतंक से पीड़ित हैं। पोम्पियो ने कहा कि हम खतरे की साझा समझ रखते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए एक साझा उद्देश्य है कि हम ऊर्जा को सही कीमतों पर रख सकें और इस खतरे को कम कर सकें।

पोम्पियो ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों देश एक-दूसरे को सिर्फ द्विपक्षीय साझेदारों से अधिक बड़े रूप में देखते हैं और दुनिया भर में एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। पोम्पियो ने कहा, "यूएस-इंडिया साझेदारी पहले से ही नई ऊंचाइयों पर पहुंचने लगी है। हमने अपने रक्षा सहयोग को मजबूत किया है। हमने अपने कॉमन विजन को स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसेफिक के लिए मजबूत किया है। पोम्पियो ने कहा, हमने ऊर्जा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है।

इससे पहले दिन में, पोम्पियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और हाल के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी और पोम्पियो ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

 

 

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