साहित्यिक क्लासिक्स का अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में हो

उपराष्ट्रपति का आह्वान साहित्यिक क्लासिक्स का अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में हो

IANS News
Update: 2021-12-12 14:00 GMT
साहित्यिक क्लासिक्स का अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में हो
हाईलाइट
  • मातृभाषा में हो भारतीय साहित्य की समृद्ध विरासत

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को विभिन्न भारतीय भाषाओं में साहित्यिक क्लासिक्स के अनुवादों की संख्या बढ़ाने के लिए सक्रिय और ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने क्षेत्रीय भारतीय साहित्य की समृद्ध विरासत को लोगों की मातृभाषा में सुलभ बनाने के लिए अनुवाद में तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने का सुझाव दिया।

पोट्टी श्रीरामुलु तेलुगू विश्वविद्यालय के 36वें स्थापना दिवस समरोह को संबोधित करते हुए उन्होंने श्री कृष्णदेवराय द्वारा अन्य भारतीय भाषाओं में अमुक्तमाल्यदा जैसे क्लासिक्स का अनुवाद करने में विश्वविद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने भारत में विभिन्न भाषाओं के उपयोग को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए इस तरह के और प्रयासों का आह्वान किया। नायडू ने विभिन्न शोध पहलों के माध्यम से तेलुगू भाषा, साहित्य और इतिहास को संरक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन.टी. रामा राव ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल की थी।

उन्होंने तेलंगाना राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के विश्वविद्यालय के विकास और तेलुगू भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना की। यह देखते हुए कि वैश्वीकरण का व्यापक प्रभाव पड़ा है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि युवा अपनी सांस्कृतिक विरासत से संपर्क न खोएं। उन्होंने अपनी पहचान बनाने और युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने में भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि लोगों को अपनी मातृभाषा में बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए।

नायडू ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक नीति, 2020 का उद्देश्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना है और प्राथमिक शिक्षा को बच्चे की मातृभाषा में प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा तक और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए भी शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों से भाषाओं में उन्नत शोध करने और भारतीय भाषाओं में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली में सुधार करने का आह्वान किया, ताकि शिक्षा जगत में उनकी व्यापक पहुंच और उपयोग को सुगम बनाया जा सके।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कवि और आलोचक डॉ. कुरेला विट्ठलाचार्य और कुचिपुड़ी नृत्य प्रस्तावक कलाकृष्ण को पुरस्कार प्रदान किए। बाद में नायडू ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा आयोजित विश्वविद्यालय में एक भारत श्रेष्ठ भारत की फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। आगंतुक पुस्तिका में लिखते हुए उपराष्ट्रपति ने तेलंगाना और हरियाणा के युग्मित राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।

 

(आईएएनएस)

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