#GST से मंहगी होगी एलपीजी, हो सकती है दवाओं की किल्लत

#GST से मंहगी होगी एलपीजी, हो सकती है दवाओं की किल्लत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-27 14:36 GMT
#GST से मंहगी होगी एलपीजी, हो सकती है दवाओं की किल्लत

टीम डिजिटल, नई दिल्ली। एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद कई जरुरत की चीजों के दाम बढ़ जाएंगे, इनमे केरोसिन, एलपीजी शामिल है। हालांकि कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, विमान ईंधन, डीजल और पेट्रोल को शुरू के कुछ सालों के लिए जीएसटी से बाहर रखा गया है, लेकिन तेल और प्राकृतिक गैस उद्योग द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगेगा।

अन्य उद्योगों को जहां अपने कारोबार में इस्तेमाल किए जाने वाली वस्तु और सेवाओं पर चुकाए गए टैक्‍स के बदले में टैक्‍स में कटौती का फायदा मिलेगा। वहीं प्राकृतिक गैस उद्योग को इस तरह का फायदा नहीं मिलेगा। इसकी वजह से प्राकृतिक गैस का रेट बढ़ सकता है.वहीं दूसरी और इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि जीएसटी के लागू होने से दवाओं की किल्लत भी हो सकती है। खबरों के मुताबिक एफएमसीजी डीलर्स अपने स्टॉक को कम करने में जुटे हैं। इससे कई जरुरत की चीजों की किल्लत हो सकती है।

दवाओं की होगी किल्लत
इस नई टैक्स व्यवस्था के कारण फर्मा रिटेलर दवाओं के स्टॉक को कम करने में जुटे हैं और कंपनियों को नए ऑर्डर नहीं दे रहे हैं। हालांकि निर्माता कंपनियां रिटेलरों को दवाओं पर 7 से 12 पर्सेंट तक की छूट देने को तैयार हैं, लेकिन ऑर्डर नहीं मिल रहे। फार्मा सेक्टर के रिटेलर और डिस्ट्रिब्यूटर्स का मानना है कि जीएसटी के बाद उन्हें कम टैक्स देना पड़ेगा इसलिए वे कंपनियों से अब नया स्टॉक नहीं मंगा रहे हैं। मारिको के सीएफओ विवेक कर्वे ने बताया कि कई तरह के भ्रम और जीएसटी को लेकर स्पष्टता न होने के चलते इस बात की संभावना है कि ट्रेडर अपने स्टॉक को जून आखिर तक खत्म कर दें और भविष्य के लिए सप्लाइ कुछ कम हो जाए। जीएसटी के तहत ज्यादातर दवाओं पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा, जबकि जीवनरक्षक दवाओं पर 5 फीसदी कर ही चुकाना होगा।

शराब हो सकती है महंगी
जबकि जीएसटी लागू होने के बाद शराब या उससे बने किसी भी उत्पाद पर बिना जीएसटी लगे ही उसके रेट बढ़ सकते हैं। ऑल इंडिया ब्रुअर्स एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल शोभान रॉय का कहना है कि लागत बढ़ने से कंपनियों का लाभ दबाव में आ सकता है। जिसकी वजह से कंपनियां शराब और उससे बनने वाले उत्पाद के रेट बढ़ सकती है। इसका बोझ शराब पीने वालों की जेब पर बढेगा। जीएसटी लागू होने के बाद इसकी लागत में 12-15 पर्सेंट की बढ़ोतरी होगी।

 

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