मद्रास हाईकोर्ट ने रजनीकांत के खिलाफ मामले को खारिज किया

मद्रास हाईकोर्ट ने रजनीकांत के खिलाफ मामले को खारिज किया

IANS News
Update: 2020-01-24 15:30 GMT
मद्रास हाईकोर्ट ने रजनीकांत के खिलाफ मामले को खारिज किया
हाईलाइट
  • मद्रास हाईकोर्ट ने रजनीकांत के खिलाफ मामले को खारिज किया

चेन्नई, 24 जनवरी (आईएएनएस)। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अभिनेता रजनीकांत के खिलाफ दायर मामले को खारिज कर दिया।

रजनीकांत के खिलाफ यह मामला उनके द्वारा द्रविड़ कझगम (डीके) के संस्थापक ई.वी.रामास्वामी की अगुवाई वाली रैली को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर दायर किया गया था।

दिवंगत ई.वी.रामास्वामी, पेरियार के नाम से लोकप्रिय हैं।

यह मामला द्रविदड़ विधुतलाई कझगम (डीवीके) द्वारा दायर किया गया था।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि याचिकाकर्ता ने पुलिस में शिकायत करने के 15 दिनों के भीतर ही उससे (कोर्ट से) संपर्क क्यों किया।

इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी और कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

तमिल पत्रिका तुगलक की 50वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में रजनीकांत ने कहा था कि 1971 में सेलम में पेरियार की अगुवाई में एक रैली निकाली गई और इसमें भगवान राम व सीता के नग्न चित्र कथित तौर पर प्रदर्शित किए गए।

उन्होंने कहा कि उस रैली में जो भी कुछ घटित हुआ, उस समय मीडिया ने रिपोर्ट किया था।

सामाजिक कार्यकर्ता के अनुयायियों ने कहा कि रजनीकांत की टिप्पणी पेरियार का अपमान है जिन्होंने स्वाभिमान आंदोलन की शुरुआत की थी और डीके की स्थापना की थी।

कुछ समूहों ने रजनीकांत से माफी मांगने की मांग की है, जबकि अभिनेता ने साफ तौर पर ऐसा करने से इनकार किया।

हाल में अपने आवास से बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रजनीकांत ने अपनी टिप्पणी के समर्थन में मीडिया रिपोर्ट की कुछ प्रतियां दिखाईं और कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे।

डीवीके ने रजनीकांत के खिलाफ डीके संस्थापक को बदनाम करने के लिए कोयंबटूर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

डीवीके की शिकायत है कि रजनीकांत का बयान झूठा है और उसने उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया।

डीवीके ने कहा कि अगर वह (रजनीकांत) माफी नहीं मांगते हैं तो अभिनेता की हालिया फिल्म दरबार के थिएटर के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।

डीके के अनुयायी रजनीकांत के इस बयान पर सहमत नहीं है कि भगवान राम व सीता के नग्न चित्र को कथित तौर पर रैली में प्रदर्शित किया गया, जिस रैली की सेलम में अगुवाई पेरियार ने की।

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