महाराष्ट्र: कांग्रेस, राकांपा ने सीएमपी पर बनाई कमेटी, भाजपा भी नाउम्मीद नहीं

महाराष्ट्र: कांग्रेस, राकांपा ने सीएमपी पर बनाई कमेटी, भाजपा भी नाउम्मीद नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-13 17:43 GMT
महाराष्ट्र: कांग्रेस, राकांपा ने सीएमपी पर बनाई कमेटी, भाजपा भी नाउम्मीद नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस व शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को अंतिम रूप देने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया, जिससे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन पर चर्चा की जा सके।

उधर भाजपा नेताओं के बयानों से संकेत मिलते हैं कि शिवसेना के साथ अब भी सरकार बनाने की पार्टी ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को लगे राष्ट्रपति शासन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य को जल्द स्थिर सरकार मिलने की उम्मीद जताई थी। वहीं उद्धव ठाकरे भी प्रेस कांफ्रेंस में कह चुके हैं कि विकल्प खत्म नहीं हुए हैं, भाजपा संपर्क कर रही है।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोरात, माणिकराव ठाकरे व विजय वडेट्टीवार को कमेटी में नामित किया है, जबकि राकांपा ने कमेटी में जयंत पाटील, अजीत पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक को शामिल किया है।न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा के लिए कमेटी के गठन का फैसला वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल द्वारा मंगलवार को शरद पवार के साथ मुंबई में हुई बैठक के दौरान लिया गया था।

कांग्रेस और राकांपा की कोशिशों के बीच भाजपा भी खामोश नहीं बैठी है। दिल्ली और मुंबई में पार्टी की इस मसले को लेकर कई बैठकें हो चुकीं हैं। मंगलवार शाम प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जिस तरह से भाजपा को लेकर रुख नरम रखते हुए कहा कि अब भी उधर से संपर्क किया जा रहा है, वहीं देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्य को जल्द स्थिर सरकार मिलने की बात कही। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने भी दावा किया कि सरकार तो भाजपा ही बनाएगी। इससे माना जा रहा है कि राष्ट्रपति शासन लगने की अवधि के बीच भाजपा शिवसेना के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं में जुटी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना ने गठबंधन के तहत 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करने के बाद गठबंधन टूट गया। भाजपा ने शिवसेना के रोटेशनल मुख्यमंत्री पद की मांग को ठुकरा दिया। महाराष्ट्र में मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया और विधानसभा को निलंबित कर दिया गया।

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